चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे 2 दिन के सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। माना जा रहा है कि विपक्षी दल सतलुज-यमुना संपर्क (SYL) नहर, राज्य के ऋण और कानून-व्यवस्था सहित तमाम मुद्दों पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर सकते हैं। शुक्रवार से शुरू होने वाला सत्र SYL मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4 अक्टूबर को जारी दिशानिर्देश के बाद उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बीच आहूत किया गया है। कोर्ट ने केंद्र को पंजाब में भूमि के उस हिस्से का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था, जिसे नहर निर्माण के लिए राज्य के हिस्से के तौर पर आवंटित किया गया था।
राजभवन और सरकार के बीच फिर हुआ विवाद
राज्यपाल ने विधानसभा के प्रस्तावित सत्र को ‘अवैध’ बताया है और कहा है कि इस सत्र में किया गया कोई भी विधायी कार्य ‘गैर-कानूनी’ होगा, लेकिन राजभवन की इन आपत्तियों के बावजूद AAP सरकार सत्र आयोजित करने को तैयार है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जोर देकर कहा था कि सत्र ‘पूरी तरह से वैध’ है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि कई ‘जन समर्थक’ विधेयक सदन में पेश किये जाएंगे। इस साल यह दूसरी बार है जब विधानसभा की बैठक बुलाने को लेकर AAP सरकार और राजभवन के बीच विवाद खड़ा हो गया है। राजभवन ने पहले 19-20 जून की विशेष बैठक को ‘पूरी तरह से अवैध’ बताया था।
SYL नहर के मुद्दे पर समाधान लाएगी सरकार?
विधानसभा के इस सत्र में SYL नहर पर चर्चा होने की उम्मीद है। यह एक ऐसा प्रॉजेक्ट है, जिसे पंजाब पूरा नहीं करना चाहता। राज्य सरकार इस मुद्दे का समाधान ला सकती है। इसके अलावा, GST से जुड़े 2 संशोधन विधेयक भी सत्र में पेश किये जाने वाले हैं। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने गुरुवार को कहा कि अन्य मुद्दों के अलावा, SYL मामला सदन में उठाया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार नदी जल मामले में पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने में ‘विफल’ रही है। उन्होंने SYL मुद्दे पर पंजाब से AAP के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक को भी आड़े हाथों लिया।
‘क्या सीएम पाठक के बयान का समर्थन करते हैं’
बता दें कि संदीप पाठक ने हाल ही में हरियाणा के करनाल में दिए एक बयान में कहा था कि पंजाब और हरियाणा को नहर के पानी का उनका उचित हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने पंजाब में राजनीतिक दलों द्वारा हरियाणा को पानी देने का विरोध करने के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘हमारा रुख बिल्कुल साफ है। पंजाब और हरियाणा दोनों को अपने-अपने हिस्से का पानी मिलना चाहिए। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।’ चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह पाठक के बयान का समर्थन करते हैं।
बाजवा ने मान से मांगा नौकरियों पर जवाब
शिरोमणि अकाली दल के नेता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी के विधायक राज्य के बढ़ते कर्ज, अवैध रेत खनन, अनाज मंडियों से धान की फसल की धीमी उठान और ड्रग्स से संबंधित अन्य मुद्दे उठाएंगे। इस बीच, कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मान से पिछले 18 महीनों में 37,100 सरकारी नौकरियां देने के अपने दावे के संबंध में सदन में बयान देने को कहा है। (भाषा)