ऑफ साइड के भगवान, बंगाल टाइगर, दादा समेत ना जाने कितने नामों से मशहूर सौरव गांगुली ने हमेशा फैंस के दिलों पर राज किया है। सौरव चंडीदास गांगुली का जन्म 8 जुलाई, 1972 को कोलकाता में हुआ था। सौरव गांगुली ने साल 1992 में भारत के लिए वनडे डेब्यू और साल 1996 में टेस्ट डेब्यू किया था। भारतीय टीम में जगह मिलने के बाद गांगुली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई रिकॉर्ड बनाए। गांगुली ने अपने पहले दो टेस्ट में दो शतक लगाए थे और टेस्ट करियर का धमाकेदार आगाज किया था। गांगुली ने 311 वनडे मैचों की 300 पारियों में 41.02 की औसत और 73.70 के स्ट्राइक रेट से 11,363 रन बनाए थे। गांगुली ने वनडे क्रिकेट में 22 शतक और 72 अर्धशतक लगाए थे। इसके अलावा उन्होंने 113 टेस्ट मैचों की 188 पारियों में 42.17 की औसत से 7,212 रन बनाए थे। टेस्ट में गांगुली के बल्ले से 16 शतक और 35 अर्धशतक निकले थे। साल 2002 में इंग्लैंड की धरती पर गांगुली की कप्तानी में भारत ने नेटवेस्ट सीरीज अपने नाम की थी और ये जीत भारत की सबसे ऐतिहासिक जीतों में शुमार है। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक स्टेडियम में सीरीज जीतने के बाद गांगुली ने अपनी जर्सी उतारकर हवा में लहराई थी। गांगुली ने अक्टूबर, 2008 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। गांगुली फिलहाल क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष हैं। गांगुली को साल 2004 में पद्म श्री के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
गांगुली ने कोहली की वेस्टइंडीज रवानगी से पहले सोमवार को मुंबई में हुई प्रेस कांफ्रेंस में की गयी टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वह कप्तान है। उसका इस मामले पर बोलने का पूरा अधिकार है।’’
गावस्कर विश्व कप के दौरान और उसके बाद चयन समिति की भूमिका को लेकर काफी नाराज हैं। गावस्कर के मुताबिक एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति कड़े और अहम फैसले नहीं ले पा रही है।
हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान हुआ था और इसके बाद गांगुली ने कहा था कि तीनों प्रारुप के लिए एक ही तरह की टीम चुनी जानी चाहिए।
गांगुली ने चयनकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि इन खिलाड़ियों को तीनो फॉर्मेट में खिलाया जाए, जिससे उनका आत्मविश्वास और फॉर्म बना रहे।
एक समय में सौरव गांगुली की कप्तानी में खेलने वाले युवराज ने दादा को सोशल मीडिया पर अब ट्रोल किया है।
तस्वीरों में दिल्ली कैपिटल्स के टीम मैनेजमेंट में शामिल पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोटिंग, सौरव गांगुली और मोहम्मद कैफ दिखाई बूढ़े दिखाई दे रहे हैं।
बंगाल टाइगर के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने अपनी आक्रामक कप्तानी के दम पर टीम इंडिया को न केवल अपनी धरती पर बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी जीतना सिखाया।
मैच के बाद एमएस धोनी की धीमी बल्लेबाज़ी की एक बार फिर टीम इंडिया के लिए विलेन साबित हुई। सभी दिग्गज और फैंस का कहना है की अगर समय रहते धोनी पहले ही बड़ें शॉट्स खेलते तो टीम इंडिया जीत सकती थी।
जैन के मुताबिक ऐस में जबकि ये खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में विभिन्न फ्रेंचाइजी टीमों के साथ पहले से जुड़े हुए हैं, विश्व कप में कमेंटेटर के तौर पर इनकी भूमिका कैसे स्वीकार्य हो सकती है।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि इन झटकों के बावजूद भारतीय टीम इतनी मजबूत है कि विश्व कप सेमीफाइनल में जरूर पहुंचेगी।
पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली ने कहा कि भारतीय टीम ने 2017 चैम्पियंस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान को कम आंकने का खामियाजा भुगत चुकी है।
पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा कि 'टीम के पूर्व कोच जॉन राइट उनके लिए एक कोच से बढ़कर दोस्त थे।' गांगुली और राइट यहां जारी विश्व कप में कॉमेंट्री टीम का हिस्सा हैं।
इस मौके पर क्रिकेट जगत से कई लोगों ने उन्हें बधाइयां दी। इसी कड़ी में कल भारत के पूर्व कप्ता सौरव गांगुली ने भी उन्हें शुभकामनाएं देते हुए एक ट्विट किया।
धोनी के इस कदम से क्रिकेट जगत में बड़ी बहस छिड़ी हुई है। लेकिन इसी दौरान पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने एमएस धोनी का पूरी तरह से समर्थन किया है।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन की नजर में सौरव गांगुली ऐसे खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा बदल दी थी।
इंडिया टीवी के क्रिकेट एक्सपर्ट सौरव गांगुली ने बताया कि वर्ल्ड कप से पहले खेले जाने वाले वॉर्म-अप मैच भारत की वर्ल्ड कप तैयारियों के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू होने वाले विश्व कप के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कॉमेंटटरों की सूची जारी कर दी है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने मंगलवार को कहा कि विराट कोहली की आईपीएल की कप्तानी का विश्व कप पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि एकदिवसीय कप्तान के रूप में उनका रिकार्ड अच्छा है।
सौरव गांगुली का मानना है कि टीम इंडिया को 30 मई से इंग्लैंड एंड वेल्स में शुरू होने वाले वर्ल्ड कप में ऋषभ पंत की कमी खलेगी।
दिल्ली ने आखिरी बार प्लेऑफ में अपनी जगह 2012 में वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में बनाई थी। उस सीजन में दिल्ली 16 में से 11 मैच जीतकर प्वॉइंट्स टेबल में टॉप पर थी।
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