पीयूष गोयल भारतीय जनता पार्टी के राजनेता और भारत के वर्तमान रेलमंत्री और कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख मंत्री हैं। वें भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. वेदप्रकाश गोयल के पुत्र हैं। 13 जून 1964 को जन्में गोयल मोदी सरकार के हाई प्रोफाइल मंत्री माने जाते हैं। उनके पिता प्रकाश गोयल ने बहुत लंबे समय के लिए भाजपा में खजांची के तौर पर काम किया था। वो 1984 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। भाजपा के सदस्य के रूप में अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य भी थे।
अब हमारे किसान इस प्लेटफॉर्म के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है कि भारत आगे चलकर बांग्लादेश के साथ संबंधों के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। गोयल का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की यात्रा पर हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल को ‘अपने बल पर चलने वाली, पर्यावरण-अनुकूल और समय की पाबंद’ परिवहन प्रणाली के रूप में नये भविष्य के लिए तैयार करने का शुक्रवार को आह्वान करते हुए हुए अधिकारियों से कहा कि रेलवे की सफलता से देश की सफलता जुड़ी है।
पीयूष गोयल ने कहा कि यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए सीएसटी स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है लेकिन उसके विरासत वाले हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे का कभी भी निजीकरण नहीं किया जाएगा और यह हमेशा भारत सरकार के अधीन रहेगी।
इस साल विश्व उपभोक्ता दिवस की थीम 'प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना' है। धरती पर प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। लिहाजा, प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से इस साल ये थीम रखी गई है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड-19 संकट के दौरान दुनिया की मदद का सर्वोत्तम प्रयास किया है।
मासिक आधार पर माल गाडि़ंयों की औसत रफ्तार मार्च में 11 तारीख तक 45.49 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जो पिछले साल समान अवधि के 23.39 किलोमीटर प्रति घंटा की तुलना में लगभग दोगुनी है।
कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने के लिए चेनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो शेयर करते हुए चिनाब ब्रिज की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी है।
कोटद्वार और दिल्ली के बीच चलने वाली सिद्धबली जनशताब्दी विशेष रेलगाड़ी का संचालन शुरू हो गया है। रेली मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस दोपहर तीन बजकर पैंतालीस मिनट पर दिल्ली के लिए रवाना हुई।
उन्होंने बताया कि 2020-21 में देशभर में 43.46 लाख किसानों को गेहूं के एमएसपी के तौर पर 75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि धान के एमएसपी के तौर पर 1.54 करोड़ किसानों को 1.72 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को मऊ-आनंद विहार टर्मिनल द्विसाप्ताहिक विशेष ट्रेन का उद्घाटन किया। यह स्पेशल ट्रेन 19 फरवरी से नियमित रूप से चलेगी।
रेलवे पहला वातानूकूलित (एसी) थ्री-टियर किफायती श्रेणी (इकोनॉमी क्लास) सामने लेकर आया, जिसे रेल मंत्रालय ने ‘दुनिया का सबसे सस्ता और सबसे बेहतरीन एसी यात्रा' करार दिया है।
Indian Railways ने यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनों देनों सेवाओं की रफ्तार बढ़ाने का फैसला किया है। इसलिए क्रमश: इन्हें एक्सप्रेस और सुपरफास्ट सर्विस में अपग्रेड किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों के फायदे के लिए विधेयक लाती हैं। ये कृषि कानून भी करोड़ किसानों, खासतौर से देश के छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लागू किए गए और देशभर के किसानों ने इन कानूनों का समर्थन किया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारतीय रेलवे के लिए बजटीय प्रावधानों पर बोलते हुए रेलवे की सामान्य सेवाएं कब शुरू होंगी? इसको लेकर भी जानकारी दी है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले भारतीय रेलवे पश्चिम बंगाल में 3 यात्री स्पेशल ट्रेनें शुरू करने जा रही है। इसकी जानकारी खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके दी है।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की धान खरीदी जा चुकी है और इससे करीब 77 लाख किसानों को फायदा मिला है। धान की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।
दिल्ली-मुंबई राजधानी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन के समय और हॉल्ट में परिवर्तन किया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सेंट्रल रेलवे की प्रेस रिलीज को ट्वीट किया है, जिसमें पूरी जानकारी दी गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही।
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