उमर अब्दुल्ला JKNC के उपाध्यक्ष और 2009 से 2015 तक जम्मू और कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वे 2009 में जम्मू और कश्मीर के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। वे 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत विदेश राज्य मंत्री बने। उन्होंने 1998, 1999 और 2004 में तीन बार श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1998 के लोकसभा चुनावों में अब्दुल्ला ने कांग्रेस उम्मीदवार आगा सैयद मोहदी को 70,839 मतों के अंतर से हराकर श्रीनगर सीट जीती थी। 1999 के लोकसभा चुनाव में, उमर ने निर्दलीय उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती को 36,859 मतों से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। उन्होंने 2004 में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) के एडवोकेट गुलाम नबी लोन को हराकर फिर से निर्वाचन क्षेत्र जीता। अब्दुल्ला ने 2002 के जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों में गांदरबल से चुनाव लड़ा, लेकिन JKPDP उम्मीदवार काजी मोहम्मद अफजल से 2,870 मतों से हार गए। हालांकि, उन्होंने 2008 के जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों में सफलतापूर्वक सीट जीत ली, जब उन्होंने अफजल को 8,215 मतों से हराया। 2014 में, उन्होंने दो निर्वाचन क्षेत्रों, बीरवाह और सोनावर से चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार नजीर अहमद खान को सिर्फ 910 मतों के अंतर से हराकर बीरवाह सीट जीती। 2015 में वे जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को बारामुला में निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख ने 2,04,142 मतों से हराया। उमर 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में फिर से गांदरबल और बडगाम नामक दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तलाक संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका का कोई आधार नहीं है। अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल के दो बेटे हैं।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले यह भी कहा कि सरकार को हमें नजरबंद करने के लिए बहाना चाहिए और उनके पास बहाना है।
साल 2020 के अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में तीन लोगों की हत्या के दोषी सेना के एक कैप्टन को जमानत मिलने पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को यह मत महसूस कराइए कि हमारा खून इतना सस्ता है।
उमर अब्दुल्ला ने इजरायल और हमास के बीच में चल रही जंग को लेकर कहा कि भारत ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया और गाजा को मदद भी भेजी, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
1931 में डोगरा शासन के खिलाफ कश्मीर में मारे गए जवानों को पैदल यात्रा कर उमर ने श्रद्धांजलि दी और कहा हम शहीद मज़ार जाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने रोक लगा दी। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी घर में नज़रबंद कर दी गईं।
पटना में हुई मीटिंग के बाद विपक्ष के नेताओं ने एकजुटता की बात कही है और बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनावों में हराने के अपने संकल्प को दोहराया है।
जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में एक सूफी संत की दरगाह पर योग कार्यक्रम का आयोजन हुआ था जिसे लेकर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है।
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर गांधी के देश को बचाना है तो विपक्ष को एकजुट होना ही पड़ेगा।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लोगों से ‘माई पार्लियामेंट माई प्राइड’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए अपने ‘वॉयसओवर’ के साथ वीडियो शेयर करने का भी आग्रह किया।
सत्यपाल मलिक की जेड प्लस सुरक्षा सरकार ने वापस ले ली है। इसके बाद मलिक ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा है कि अगर उन्हें कुछ होगा तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी।
सिक्यॉरिटी इंतजामों में कमी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि जब तक सुरक्षा नहीं मिलती, यात्रा आगे नहीं बढ़ेगी, हालांकि थोड़ी ही देर बाद यात्रा फिर शुरू हो गई।
India-China Clash: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों के बारे में सभी को पता है, लेकिन चीन के साथ भी हम अच्छे संबंध स्थापित नहीं कर पा रहे हैं।
Jammu-Kashmir News: एनसी के वरिष्ठ नेताओं ने इस विचार पर निराशा व्यक्त की है कि शब्दों के सौहार्दपूर्ण आदान-प्रदान की व्याख्या किसी प्रकार की राजनीतिक गर्मजोशी के रूप में की जानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, मुझे बताइए कि किस मुसलमान ने किसी गैर मुसलमान को कहा है कि आपको मजबूरन हलाल खाना है।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ये वो हिंदुस्तान नहीं है जिसमें जम्मू-कश्मीर शामिल हुआ था।
प्रवक्ता ने कहा कि अब्दुल्ला को दिल्ली में ईडी के सामने इस आधार पर पेश होने के लिए कहा गया था कि जांच के सिलसिले में उनकी उपस्थिति जरूरी है।
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर चल रही बहस के बीच, भाजपा ने रविवार को कहा कि फिल्म ने बातचीत शुरू कर दी है और इसे आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला को क्लीन चिट दे दी, जो राज्यपाल शासन लागू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री थे।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, मैं 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म में तरह-तरह के झूठ दिखाए गए हैं। जब कश्मीरी पंडित यहां से निकले तब उस दौरान फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री नहीं थे उस समय राज्यपाल का राज था और देश में वी.पी. सिंह की सरकार थी जिसे BJP का समर्थन था।
अब्दुल्ला द्वारा टैग किए गए वीडियो में भगवा गमछा डाले कुछ पुरुषों को हिजाब पहनी एक महिला के साथ ‘बदसलूकी’ करते और कर्नाटक के एक कॉलेज में नारेबाजी करते देखा जा सकता है।
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