नवजोत सिंह सिद्धू भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एवं पर्यटन मंत्री, पंजाब राज्य के सांस्कृतिक मामले और संग्रहालय मंत्री रह चुके हैं। सिद्धू 2004 में भाजपा टिकट पर अमृतसर से लोकसभा के लिए चुने गए थे। 2006 में सिद्धू ने हत्या के आरोपों का सामना करने के बाद लोकसभा से अपना इस्तीफा दे दिया। खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। 2009 में उन्होंने अपने कांग्रेस विरोधी सुरिंदर सिंगला को भारी अंतर से पराजित किया। सिद्धू ने 2014 के लोकसभा चुनावों में चुनाव नहीं लड़ा था। मोदी सरकार ने अप्रैल 2016 में सिद्धू को राज्यसभा में नामांकित किया। हालांकि, उन्होंने 18 जुलाई, 2016 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। नवजोत सिंह सिद्धू ने सितंबर 2016 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू ने अवाज-ए-पंजाब (एईपी) नामक एक मोर्चा लॉन्च किया। जनवरी 2017 मेंए सिद्धू कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। 2017 पंजाब विधानसभा चुनावों में पूर्वी अमृतसर से चुनाव लड़ते हुए, उन्होंने 42,809 मतों के अंतर से चुनाव जीता। अभी वो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म एक जाट सिख परिवार में 20 अक्टूबर 1963 को भारत के राज्य पंजाब के पटियाला में हुआ। सिद्धू की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पटियाल के यादविंद्र पब्लिक स्कूल में हुई। कॉलेज की पढाई उन्होंने पंजाब युनिवर्सिटी के मोहिन्द्र कॉलेज, चंडीगढ़ से की। फिर कुछ समय के बाद अध्ययन करने के लिए वो मुंबई आ गये, और उन्होंने मुंबई के एचआर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से पढाई की। नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का नाम डॉ. नवजोत कौर सिद्धू है। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू भी भारत की सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं। वह पंजाब विधानसभा की पूर्व सदस्य भी रह चुकी हैं। इन दोनों के दो बच्चे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे का नाम करण और बेटी का नाम राबिया है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कल गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांग्रेस कैंप में खलबली मचा दी।
कैप्टन ने कहा था कि उन्हें अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने नवजोत सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए ऐलान कर दिया कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के पद से अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और दागी नेताओं की नियुक्तियों पर बुधवार को सवाल उठाए।
कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे एक वरिष्ठ सहयोगी ने cwc की मीटिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्षा को लिखा था ताकि जो हम पब्लिक में नहीं कह सकते वो उनके सामने कह सकें। कम से कम cwc में इस बात पर चर्चा तो हो कि क्यों इस तरह की स्थिति बन चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस भी संभावित विकल्प की तलाश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि महासचिव और पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर रहे हैं और खुद को दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर रखा है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद से पार्टी उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए शांत करने की कोशिश कर रहे है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पहला बयान जारी किया है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है।
माना जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बने नए पंजाब मंत्रिमंडल में अपने लोगों की अनदेखी और पंजाब में उच्च पदों पर अपने लोगों की पोस्टिंग नहीं होने से सिद्धू नाराज हुए हैं और इस वजह से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है।
बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री को दिए अपने त्यागपत्र में रजिया सुल्ताना ने कहा है कि सिद्धू के समर्थन में वे अपना त्यागपत्र दे रही हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि वे कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा नहीं दे रही हैं और बतौर कांग्रेस कार्यकर्ता पंजाब की जनता की सेवा करती रहेंगी।
सूत्रों की माने तो नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के पीछे सबसे बड़ा कारण ये रहा है कि सिद्धू पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद पर एपीएस देयोल की नियुक्ति से नाराज थे। देयोल बेअदबी मामलों में सरकार के खिलाफ केस लड़ चुके हैं।
सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे।
सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने करीब 2 महीने पहले यानि जुलाई में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वे अपने चरित्र के साथ समझौता नहीं कर सकते और समझौता करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। सिद्धू के बनने के बाद पंजाब कांग्रेस और पंजाब सरकार में भारी उथल पुथल हुई थी, यहां तक की सिद्धू के विरोध की वजह से कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
पंजाब कांग्रेस में फिर से बड़ा बदलाव हुआ है। कुछ दिन पहले पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया है।
पंजाब में चन्नी सरकार के नए मंत्रिमंडल पर कांग्रेस हाईकमान ने मुहर लगा दी है। बताया जा रहा है कि इसमें सिद्धू की पसंद को तरजीह के साथ चन्नी की भी चली है जबकि कैप्टन के करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयानों को आने वाले समय में विद्रोह का संकेत माना जा रहा है।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने आज कांग्रेस पर हमला कर पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को निशाने पर लेते हुए कहा कि पंजाब में जो खेल खेला जा रहा है और जो राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र रचा जा रहा है, वह कांग्रेस के उच्च नेतृत्व द्वारा ही रचा जा रहा है।
कैप्टन ने इंडिया टीवी को बताया कि देश और पंजाब की जनता की सोच उनके बारे में उनकी पार्टी की सोच से अलग है।
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