भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी के नेता और 2005 से 2014 तक हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वर्तमान में वह हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और गढ़ी सांपला-किलोई निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। हुड्डा ने 2009, 2014 और 2024 में परिसीमन प्रक्रिया के बाद लगातार तीन बार सीट जीती। उन्होंने परिसीमन से पहले 2000 और 2005 (उपचुनाव) में दो बार किलोई सीट का प्रतिनिधित्व किया। वे 1982 और 1987 में दो बार सीट हार गए। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में हुड्डा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सतीश नांदल को 58,312 मतों के अंतर से हराकर सीट जीती। हुड्डा ने 1991, 1996, 1998 और 2004 में चार बार रोहतक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1991 के चुनावों में हुड्डा ने रोहतक में पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल को 30,573 मतों से हराया था। उन्होंने 1996 और 1998 में फिर से देवी लाल को हराया। हालांकि, वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के उम्मीदवार इंदर सिंह से 1,44,693 मतों के बड़े अंतर से हार गए। हुड्डा ने 2004 में भाजपा नेता कैप्टन अभिमन्यु को 1,50,435 मतों के अंतर से हराकर फिर से रोहतक सीट जीती। वह 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में फिर से गढ़ी सांपला-किलोई निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की मंजू हुड्डा और जननायक जनता पार्टी (JJP) की सुशीला देशवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ''धन्यवाद यात्रा'' यात्रा कर रहे हैं. तो जूनियर हुड्डा यानि की दीपेंद्र हुड्डा पूरे गाजे - बाजे के साथ ''हरियाणा मांगे हिसाब'' के नाम से यात्रा निकाल रहे हैं. दूसरा गुट है सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा का...कुमारी शैलजा ''सन्देश यात्रा'' का झंडा
कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं ने सोनिया राहुल के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है..नाराजगी का आलाम ये हैं कि G-23 अब G-26 बन चुका है। शशि थरुर, मणिशंकर अय्यर, भूपेंद्र हुडडा जैसे बड़े नेता भी अब असंतुष्ट खेमें में नजर आ रहे हैं.मीटिंग हो रही है। सवाल सीधा गांधी परिवार के नेतृत्व पर उठा है। सिब्बल कह चुके हैं कि कांग्रेस अब घर की पार्टी नहीं बल्कि सबकी पार्टी बननी चाहिए।
भूपिंदर सिंह हुड्डा एजेएल प्लॉट आवंटन और मानेसर भूमि घोटाला मामले में विशेष अदालत में पेश हुए
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