अरुण जेटली भारतीय राजनेता और केंद्र की अटल बिहारी बाजपेयी और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे। राजनीति में पूरी तरह उतरने से पहले अरुण जेटली देश के तेज तर्रार वकील भी थे। अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था, 24 अगस्त 2019 को अरुण जेटली ने इस दुनिया को अलविदा कहा।
CAIT की तरफ से कई ऐसी अध्यन रिपोर्ट्स का दावा किया गया जिनमें बताया गया था कि नोटों की वजह से मूत्र, श्वसन, रक्त, त्वचा, मस्तिष्क और पेट संबधि बीमारियां हुई हैं
वित्त मंत्री जेटली ने इस सौदे से जुड़े अधिकांश पहलुओं पर विस्तार से सरकार का पक्ष रखा लेकिन कांग्रेस के नेता अभी-भी सवाल उठा रहे हैं। इसकी वजह है कि उनको राफेल डील के मुद्दे में चुनावी फायदा दिख रहा है।
अगले साल हम ब्रिटेन को पीछ़े छोड़ देंगे। इस तरह हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे
वित्त मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार का पक्ष रखा और साथ में कांग्रेस पार्टी पर सौदे में देरी करने और देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने का आरोप भी लगाया
उन्होंने कहा कि इन्हीं वजहों से 2012-13 और 2013-14 में वृहत आर्थिक समस्याएं खड़ी हुयीं
कांग्रेस ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी अनौपचारिक और अदूरदर्शी आर्थिक नीतियों से उन्नतिशील अर्थव्यवस्था को बिगाड़कर घोर तंगहाली में धकेल दिया है।
वित्त मंत्री ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है
कामकाज संभालने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की
भारतीय करेंसी रुपए ने भी मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचला स्तर छुआ था। डॉलर के मुकाबले रुपए ने मंगलवार को 70.09 का निचला स्तर छुआ
केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली इस महीने के तीसरे सप्ताह में वित्त मंत्रालय पहुंचकर अपना कामकाज संभाल सकते हैं
जेटली ने फेसबुक पोस्ट में राहुल की आलोचना करते हुए कहा है कि असम के एनआरसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने जो कहा था, कांग्रेस अध्यक्ष का रूख इसके विपरीत है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने विश्व के समक्ष किसी भारतीय राजनीतिज्ञ की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज भरोसा जताया कि भारत अगले साल ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
जेटली ने जहां एक तरफ 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को 'अखंड भारत' का समर्थन करने से रोकने के लिए कांग्रेस को निशाने पर लिया, वहीं संविधान में संशोधन करने के लिए भी पार्टी की आलोचना की...
जेटली ने कहा कि दिल्ली निर्विवाद तौर पर एक केन्द्र शासित प्रदेश है। लिहाजा यहां का अधिकार अलग और स्पष्ट है। यहां पर केन्द्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन, केन्द्र सरकार के कार्यलयों, राष्ट्रपति भवन, विदेश के सारे दूतावास हैं। विदेश के प्रमुखों के लगातार यहां दौरे होते रहते हैं। इसलिए, यहां की पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और लैंड केन्द्र के नियंत्रण में है।
एक साल पहले देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत अभी तक जितनी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लग रहा है उनमें और वस्तुएं शामिल हो सकती हैं, खुद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए हैं। वित्त मंत्री ने इसके अलावा भविष्य में GST की दरों के ढांचे को और आसान बनाने की बात भी कही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए तैयार नहीं हैं, रविवार को GST को 1 साल पूरा होने के मौके पर अरुण जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए बार-बार मांग करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर जब कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात की गई है तो वह इसके लिए तैयार नहीं थे
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चेतावनी दी है कि स्विस बैंकों में अवैध रुप से धन जमा कराने वाले भारतीयों की पहचाना छुपाना अब मुश्किल होगा और ऐसे लोगों पर कालाधन रोधी कानून के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी से वहां भारतीयों के खातों के बारे में तत्काल स्विट्जरलैंड से सूचनाओं का मिलना शुरु हो जाएगा।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि भारत अब सभी संस्थानों के व्यवस्थित विध्वंस का गवाह बन रहा है। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने वाले सभी संस्थान एक तानाशाह प्रधानमंत्री और अंहकारी सरकार के अधीन हैं...
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने मंगलवार को कहा कि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की ‘पहचान’ बन गए हैं और उनका नाम आते ही मानों लोगों का गुस्सा भड़क जाता है। माल्या ने काफी समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह दुर्भाग्य से जिस विवाद में घिरे हुए हैं उसकी ‘तथ्यात्मक स्थिति’ सामने रखना चाहते हैं।
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