अनिल राजभर के पास उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार है। इससे पहले राज्यमंत्री थी लेकिन जब साल 2019 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को योगी सरकार से बाहर किया गया तब अनिल राजभर को प्रमोट करते हुए राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया। उनके पास पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय है। अनिल राजभर ने चंदौली के सकलडीहा पीजी कॉलेज से छात्रनेता के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वह 1994 में छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद वह जिला पंचायत सदस्य बने। 2003 में पिता के देहांत के बाद उन्होंने उपचुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव हार गये थे। अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर भी भाजपा के टिकट पर धानापुर और चिरईगांव से विधायक रहे हैं। इसके बाद से अनिल राजभर ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा और लगातार लोगों बीच रहे। साल 2017 के चुनाव में वह शिवपुर से विधायक चुने गये। और, फिर योगी सरकार में मंत्री बने। वह उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी हैं। अनिल राजभर चंदौली जिले के रहने वाले हैं। वह पहले समाजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं।
योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को नसीहत दी है कि अपना राजनीतिक करियर बचाना चाहते हैं तो ट्विटर-ट्विटर खेलना बंद करें।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि यूपी में आपराधिक तत्वों का बेखौफ हो जाना लचर कानून-व्यवस्था का सबूत है।
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