वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करते हुए केंद्र सरकार ने राजस्व का नुकसान इस विश्वास के साथ उठाया है कि भविष्य में इसका अनुपालन बेहतर होगा।
आर्थिक सर्वे 2017-18 में एक बड़ी दिलचस्प बात सामने आई है। 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य रहे हैं जहां GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या सबसे अधिक रही
बिहार और झारखंड में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व संग्रह पिछले साल की तुलना में बढ़ गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल प्रणाली अब एक फरवरी से क्रियान्वित होगी। इस प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल साथ रखना होगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटीके तहत राजस्व संग्रहण के रफ्तार पकड़ने के बाद 12 प्रतिशत व 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब को आपस में मिलाने का संकेत दिया है।
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सुधरकर 6.3 प्रतिशत रही है, जो कि पहली तिमाही में तीन साल के निचले स्तर पर थी।
सरकार विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) की बहुप्रतीक्षित मध्यावधि समीक्षा मंगलवार को जारी करेगी। इसमें निर्यातकों की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों ने पहले चार महीनों जुलाई से अक्टूबर के लिए 6,500 करोड़ रुपए के रिफंड के लिए आवेदन किया है।
सरकार डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 2 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है।
सरकार डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 2 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है।
फ्रिज, एसी और वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरण जल्दी ही सस्ते हो सकते हैं, इसपर टैक्स की दर 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी होने की संभावना
सुस्त औद्योगिक विकास तथा GST प्रणाली के साथ तालमेल बिठाने के कारण दूसरी तिमाही में उद्योग जगत का मुनाफा 1.5 प्रतिशत गिरकर 1,030 अरब रुपए पर आ गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 3 प्रमुख सुधारों आधार, नोटबंदी और GST से पारदर्शिता बेहतर हुई है और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में मदद मिली है।
सरकार ने निर्यातकों को अपने GST रिफंड दावे हाथ से भरने की अनुमति दे दी है। अब निर्यातक कर अधिकारियों के सामने हाथ से अपने रिफंड दावे भर सकते हैं।
एसोचैम-EY सर्वे के अनुसार, इस साल जुलाई में GST लागू करने से कारोबार में अस्थाई मंदी आई है। हालांकि, सरकार ने व्यापार में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।
जीएसटी परिषद ने कारोबारियों को राहत देते हुए रिटर्न फाइलिंग के नियमों को और सरल बनाने की कोशिश की है। देरी से रिटर्न फाइलिंग पर जुर्माने को भी कम किया।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी परिषद ने किया है। करीब 200 से अधिक उत्पादों पर टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं।
जीएसटी परिषद ने देश के सभी तरह के रेस्टॉरेंट्स के लिए जीएसटी की नई दर 5 प्रतिशत तय की है। चाहे किसी भी रेस्टॉरेंट में खाना खाएं केवल 5% जीएसटी देना होगा।
GST परिषद ने चॉकलेट, च्विंगम, शैम्पू, डियोडोरेंट, जूता पॉलिश, डिटर्जेंट, मार्बल और कॉस्मेटिक्स जैसी वस्तुओं पर टैक्स 28 से घटाकर 18 % कर दिया है।
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