अभी मार्च में ही वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में दो फीसदी की बढ़ोतरी की थी। अब सरकार महंगाई भत्ते की गणना के लिए सूचकांक और बेस ईयर में परिवर्तन करने जा रही है। इसका परिणाम ये होगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में एक बार फिर बढ़ोतरी होगी।
1 अप्रैल से वैसी सारी वस्तुएं और सेवाएं महंगी हो जाएंगे जिनपर सरकार ने टैक्स और ड्यूटी बढ़ाई है। आइए, जानते हैं कि 1 अप्रैल से कौन-कौन सी चीजें महंगी हो गई हैं और कौन-कौन सी चीजें सस्ती हो रही हैं।
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में Budget 2018-19 पेश किया। मोदी सरकार ने कई चीजों के दाम घटा दिए हैं तो कई चीजों के दाम बढ़े भी हैं। यहां देखिए सस्ते और महंगे हुए चीजों की पूरी लिस्ट।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 33,123.44 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था और फिलहाल 28.33 प्वाइंट घटकर 33,199.16 पर कारोबार कर रहा है
इस हप्ते घरेलू स्तर पर महंगाई दर और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होने हैं। इसके अलावा अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों को लेकर फैसला भी आना है
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
खाने के तेल की जरूरत का 60-65 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है, ऐसे में इसपर आयात शुल्क बढ़ने से खाने का तेल महंगा होने लगा है
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर यानि CPI बढ़कर 3.58 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। अगस्त में रिटेल महंगाई दर 3.28 फीसदी रही थी।
आयात शुल्क से गेहूं और दलहन की कीमतों में इजाफा हो सकता है। आटा, सूजी, मैदा और सभी दालों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ी है।
मंगलवार को हरियाणा के पंचकुला में टमाटर का भाव 70 रुपए, हिमाचल के शिमला में 76 रुपए और पश्चिम बंगाल के मालदा में 70 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
नवंबर की शुरुआत के साथ ही फ्रिज, एसी और वाशिंग मशीन 3-5 फीसदी तक महंगे होने के आसार हैं। लागत बढ़ने की वजह से व्हाइट गुड्स कंपनियों पर दबाव बढ़ा है।
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (WPI) घट कर 2.60 फीसदी के स्तर पर आ गई जो अगस्त में चार महीने के शीर्ष स्तर 3.24 फीसदी पर पहुंच गई थी।
सरकार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2017-18 में बाकी बची अवधि के लिए नीतिगत दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता पहली जुलाई 2017 से लागू माना जाएगा
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा कि शहरी इलाकों में टमाटर, प्याज और दूसरी सब्जियों की कीमत बढ़ने की समस्या हर साल आती है, ऐसे में समस्या का स्थाई समाधान जरूरी है
लासलगांव में गुरुवार को प्याज का भाव 1250 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 18 महीने में यानि जनवरी 2016 के बाद सबसे अधिक भाव है।
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