अगर कोई कंपनी, व्यक्ति या संस्था अपने प्रोडक्ट या सेवा के बारे में भ्रामक विज्ञापन जारी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई ASCI ही करती है
विज्ञापन क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ प्राप्त 116 शिकायतों को सही ठहराया है।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में ऐसे प्रावधान हैं जिससे किसी भी प्रोडक्ट के बारे में गलत जानकारी देने पर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है
अगर सेलिब्रिटी यानि किसी वस्तु के बारे में विज्ञापन के जरिए दोबारा भ्रामक जानकारी देता है तो 50 लाख रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की जेल की सिफारिश की गई है
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