बाबा रामदेव इंडिया टीवी के कार्यक्रम बजट संवाद कार्यक्रम में 1 फरवरी को मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस बजट में किसान, गरीब, मजदूर और गावों के लिए बहुत कुछ है।
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में Budget 2018-19 पेश किया। मोदी सरकार ने कई चीजों के दाम घटा दिए हैं तो कई चीजों के दाम बढ़े भी हैं। यहां देखिए सस्ते और महंगे हुए चीजों की पूरी लिस्ट।
आम बजट में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश के 10 करोड़ करीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा का एलान किया गया है।
बजट से पहले ही मोदी सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 1 फरवरी से कटौती कर दी है।
उद्योग व आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हुए पहले सर्वेक्षण में अप्रत्यक्ष करों की वसूली में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
बाजार में आज सबसे ज्यादा मजबूती मेटल कंपनियों के शेयरों में देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सभी बेस मेटल्स की कीमतों में कमजोर डॉलर की वजह से जोरदार तेजी आई है जिस वजह से घरेलू स्तर पर मेटल इंडेक्स भी मजबूत हुआ है।
आम बजट 2018-19 में ऐसे उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन किया जा सकता है। आयकर और निगमकर में भी जेटली ने करदाताओं को राहत देने के संकेत दिए हैं, जैसा कि उन्होंने कहा है कि कर आधार में विस्तार किया गया है।
भारत में आम बजट पेश होने से पहले अमेरिका के कारपोरेट जगत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अनुरोध किया है कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सांस्थानिक निवेशकों के लिए कर अनिश्चतता को कम करने की दिशा में काम करें।
Budget 2018: आगामी बजट में टैक्स में मिल सकती है छूट, पेट्रोल और डीजल पर कम हो सकता है टैक्स, बजट में युनिवर्सल बेसिक इनकम पर हो सकती है घोषणा, नौकरियां बढ़ाने पर ज्यादा फोकस
सरकार ने GST की दरों में बदलाव करने के साथ रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को ITC से बाहर रखने का जो फैसला किया है वह इंडस्ट्री के हक में नहीं है
वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार पांचवीं बार आम बजट संसद में पेश करेंगे और अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि यह बजट बुनियादी ढांचे और ग्रामीण क्षेत्र पर केंद्रित होगा।
बजट में Finance bill, Fiscal deficit, Balance of payments और Current account deficit ऐसे कुछ शब्द हैं, जिनका मतलब हर किसी को समझ नहीं आता।
रातिन रॉय ने उम्मीद जतायी है कि आने वाला 2018-19 का बजट ‘लोकलुभावन’ नहीं होगा। यह सरकार के व्यय गुणवत्ता सुधार की प्रतिबद्धता को दिखाने वाला होगा।
सरकारी अधिकारी ने बताया कि संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण से शुरू होगा। संसद के दोनों सदनों का यह संयुक्त सत्र 30 जनवरी को होगा
वित्त मंत्रालय देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद पहले केंद्रीय बजट (2018-19) पर अगले सप्ताह से काम शुरू कर देगा।
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