ग्राणीण क्षेत्रों में जनधन खातों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से लोगों के व्यवहार में में बदलाव आया है और लोग खर्च करन के मुकाबले बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं
प्रधानमंत्री जनधन खातों की संख्या जहां सबसे ज्यादा है, उन राज्यों में ग्रामीण महंगाई घटी है। नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में तेजी से इजाफा हुआ है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आधार कानून संवैधानिकता की कसौटी पर खरा उतरेगा और लोगों से जुड़ी जानकारी व आंकड़ों की सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि 3 साल पहले कुल जनधन खातों में से करीब 77 फीसदी जीरो बैलेंस थे लेकिन अब सिर्फ 20 फीसदी ही जीरो बैलेंस बचे हैं।
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 30 करोड़ लोग प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े हैं और उनके खातों में 65,000 करोड़ रुपए जमा हुए।
14 जून तक कुल 28.9 करोड़ जनधन खाते खुले हैं जिनमें 23.27 करोड़ सरकारी बैंकों, 4.7 करोड़ क्षेत्रीय और ग्रामीण बैंकों और 92.7 लाख खाते निजी बैंकों में हैं
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