लेकिन रेडी टू मूव प्रॉपर्टी न तो किसी तरह की वस्तु की सप्लाई हो रही है और न ही यह किसी तरह की सेवा में आता है ऐसे में इसपर किसी तरह का GST लागू नहीं होगा
किराना स्टोर का दुकानदार आपसे MRP छपे हुए सामान को बेचने पर MRP के अलावा अलग से GST की मांग नहीं कर सकता।
जीएसटीएन नेटवर्क के चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने कहा कि GSTR-3B में शुरुआती रिटर्न भरने की समय सीमा 20 सितंबर की मध्यरात्रि को समाप्त हो गई है।
गैरकानूनी तरीके से आयात हुए विदेशी पटाखों के खिलाफ सरकार की तरफ से लगातार अभियान चलाया जा रहा है, सरकार ने 104 करोड़ रुपए के विदेशी पटाखे जब्त किए हैं
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) ने मंगलवार शाम को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की है
GST व्यवस्था लागू होने के दौरान कंपनियों द्वारा जुलाई में किए गए पहले के 65 हजार करोड़ के क्रेडिट दावों में से महज 12 हजार करोड़ रुपए के दावे ही वैध हैं।
आयकर विभाग ने कहा है कि अगर आज GSTR-1 को नहीं भरा जाता है तो बाद में इसे भरने के लिए विलंब शुल्क वसूला जाएगा।
GST के तहत 2500 रुपए से कम के होटल के कमरों पर 12 फीसदी, 7500 रुपए तक के कमरों पर 18 फीसदी और 7500 रुपए से ऊपर के कमरों पर 28 फीसदी टैक्स का प्रावधान है।
CBEC के मुताबिक किसी लाइसेंससुदा बुक मेकर के तहत बेटिंग के लिए दी गई पूरी रकम पर 28 फीसदी GST लागू होगा।
GST के तहत सोने की ज्वैलरी बेचते समय ज्वैलर्स ग्राहक से ज्वैलरी के मेकिंग चार्ज पर अलग से 5 फीसदी टैक्स नहीं वसूल सकते हैं।
CBEC ने जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर की तरफ से GST को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में ये जानकारी दी है
GST के तहत पंजिकृत टैक्स दाताओं के लिए एनरोलमेंट एप्लिकेशन भरना जरूरी है, अगर नहीं भरा होगा तो कारोबारी GST के तहत रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते हैं।
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के कारोबारियों ने सरकार से GST की आशंकाओं को लेकर सवाल पूछे थे जिनके बारे में CBEC ने जवाब दिए हैं।
गैर एयर कंडिशन्ड रेस्टोरेंट में खाने पर 12% GST प्रावधान रखा गया है, लेकिन जरूरी नहीं कि आपसे 12% ही वसूला जाएगा, कई परिस्थितियों में आपसे 18% भी लिया जाएगा
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) ने आज कहा कि ट्रैवल एजेंटों को ई-कामर्स आपरेटरों के रूप में वगीकृत किया गया है।
GST लागू होने के बाद कीमतों में किसी भी असामान्य तेजी पर शुरुआत में ही अंकुश लगाने के लिए सरकार आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में बदलाव पर कड़ी नजर रख रही है।
जीएसटी काउंसिल अगले महीने होने वाली बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों की तरफ से उठाए गए टैक्स के मुद्दे पर विचार कर सकती है।
सरकार ने जीएसटी रेट फाइंडर नाम से एक मोबाइल एप लॉन्च की है। इस मोबाइल एप में जीएसटी के सभी टैक्स रेट दिए गए हैं, जिसकी मदद से टैक्स रेट पता चलेंगे।
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