कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) यूनिट्स को भविष्य निधि (PF) खातों में डालने के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है।
पेंशनभोगियों के सामने आने वाली परेशिानियों को दूर करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने के नियमों में ढील दी है।
विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगार भी अब उस संबंधित देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे से बच सकते हैं और इसके बजाये ईपीएफओ की योजनाओं को चुन सकेंगे।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अंशधारकों के ETF में निवेश के हिस्से को उनके भविष्य निधि खातों में डालने के प्रस्ताव पर अगले महीने विचार करेगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले महीने होने वाली बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमाराशियों (ईपीएफ) पर ब्याज दर तय कर सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को अब नौकरी बदलने पर अपना EPF ट्रांसफर करवाने के लिए अलग से फॉर्म-13 देने की जरूरत नहीं होगी।
रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) अगले साल अगस्त तक डिजिटल इंडिया पहल के तहत पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा।
बाजार के ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि EPFO का ये कदम काफी बेहतर है और इससे EPF पर ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ बकाये के संग्रह तथा भविष्य निधि निकासी का भुगतान, पेंशन और बीमा के लिए पांच बैंकों के साथ समझौता किया है।
EPFO ने सरकारी प्रतिभूतियों, ETF तथा राज्यों को कर्ज में अपने निवेश की बीच में निकासी की नीति (एग्जिट पॉलिसी) लाने का फैसला किया है।
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