आयकर विभाग ने फार्म 60 और 61 के माध्यम से कर रखी है। ये दोनों ही फार्म पैनकार्ड की गैर मौजूदगी में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उपलब्ध हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करदाताओं के लिए ऑनलाइन चैट की सुविधा शुरू की है ताकि वे डायरेक्ट टैक्स से जुड़े मुद्दों को लेकर शंकाएं दूर कर सकें।
राजस्व विभाग ने कहा है कि करदाताओं को अपनी जगहों की तलाशी लेने आए इनकम टैक्स अधिकारी से (आईकार्ड) की मांग करनी चाहिए तथा वारंट की जांच करनी चाहिए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सोशल मीडिया साइट्स से उपलब्ध जानकारी और इनकम डिक्लेयरेशन तथा खर्च के पैटर्न के डाटा की बड़े पैमाने पर एनालिसिस करेगा।
इनकम टैक्स विभाग हांगकांग के अरबपति बिजनेसमैन ली का-शिंग की सीके हचिसन होल्डिंग्स लिमिटेड पर 7,900 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
आयकर विभाग ने लोगों को दो लाख रुपए या इससे अधिक के नकद लेनदेन के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इस सीमा के उल्लंघन पर कानून के तहत कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।
पनामा पेपर्स मामले में आयकर विभाग के रडार पर जाने-माने अभिनेता अमिताभ बच्चन भी आ गए हैं। आपको बता दें कि पनामा पेपर्स मामले में कई बड़े नाम सामने आए थे।
2016-17 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 24.7% का इजाफा दर्ज किया गया है। कुल 2,82,92,955 लोगों ने 2016-17 के लिए टैक्स रिटर्न भरा है
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 5 अगस्त कर दी है। पैन-आधार लिंकिंग जरूरी है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में करदाताओं को हो रही परेशिानियाें को देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने इसकी आखिरी तारीख बढ़ा कर 5 अगस्त कर दी है।
इनकम टैक्स विभाग ने कहा था कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी लेकिन वेबसाइट ठप पड़ने के के बाद संभव है कि इसकी तारीख आगे बढ़ा दी जाए।
फॉर्म 26AS वेतनभोगी कर्मचारियों के इनकम टैक्स दाखिल करने के मामले में उतना ही महत्वपूर्ण होता है। आइए, जानते हैं कि ये फॉर्म 26AS आखिर है क्या।
नोटबंदी के दौरान अगर आपने अपने किसी एक या अलग-अलग बैंक खाते में 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा रकम जमा कराई है तो इसकी सूचना इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी
CBDT ने इनकम टैक्स विभाग से छोटे शहरों पर विशेष जोर के साथ ऐसे करदाताओं की पहचान करने को कहा है, जो टैक्स का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे।
ऑडिटर्स को अपने ग्राहकों की ओर से आयकर अधिकारियों के सामने ऑडिट रिपोर्ट फाइल करते समय उसमें 20,000 रुपए से अधिक के लेन-देन का भी ब्योरा देना होगा।
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