संकट से जूझ रहे जेपी समूह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कंपनी पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपए का बकाया है।
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की एक रपट में कहा गया है कि आईआईएफसीएल ने खराब आकलन के आधार पर गलत समय में जेपी इंफ्राटेक को 900 करोड़ रुपये का ऋण दिया।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ( आईआरएफ) का सुझाव है कि एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली( इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम) लागू करने से यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है।
आईडीबीआई बैंक की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि एक्सप्रेसवे को बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि यह संपत्ति जेपी एसोसिएट्स की नहीं है
जेपी इंफ्राटेक ने बताया कि वह यमुना एक्सप्रेस-वे को अन्य डेवेलपर को सौंपना चाहती है। उस डेवेलपर ने इसके लिए 2,500 करोड़ रुपए की पेशकश की है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे में घर खरीदने वाले लोगों को भी अब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत लगभग 2.5 लाख रुपए का फायदा हो सकता है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने 6 बिल्डरों की 17 परियोजनाओं की भवन योजना को रद्द कर दिया है।
EPFO ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों को नोटिस देकर ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के PF का बकाया मांगा है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में तैयार हो चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी देने की योजना का प्रस्ताव किया है।
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