फिलहाल नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद अलग-अलग नीतियों के तहत सुविधा मिलती है जिसमें किसानों के बीच असमानता देखने को मिलती है।
मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना अथॉरिटी के इस स्कीम में 120 मीटर, 162 मीटर, 200 मीटर और 300 मीटर के प्लॉट हैं।
इस जगह के आसपास आने वाले समय में पॉड टैक्सी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, जेवर एयरपोर्ट, फार्मूला वन/ मोटोजीपी रेस ट्रेक जैसी सुविधा रहेगी।
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में प्राधिकरण की तरफ से भेजे गए समान मुआवजा संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने ट्राम और सिटी बस अपने आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में चलाने की योजना को लेकर कई शहरों का अध्ययन शुरू कर दिया है।
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण की मंशा है कि छोटे उद्यमी भी अपनी ईकाई लगाएं।
अथॉरिटी ने डेवलपर्स के 209 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को जब्त कर लिया है। जिन्हें कुल मिलाकर 15.25 लाख वर्गमीटर से अधिक भूमि आवंटित की गई थी।
यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्लॉट की स्कीम में आवेदन करने वालों की किस्मत का फैसला लॉटरी से होगा।
संकट से जूझ रहे जेपी समूह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कंपनी पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपए का बकाया है।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ( आईआरएफ) का सुझाव है कि एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली( इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम) लागू करने से यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है।
EPFO ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों को नोटिस देकर ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के PF का बकाया मांगा है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में तैयार हो चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी देने की योजना का प्रस्ताव किया है।
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