प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की पहली छमाही में, दिल्ली-एनसीआर में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई। हैरानी की बात ये है कि इनमें 45 प्रतिशत से ज्यादा यूनिट्स लग्जरी सेगमेंट के थे जबकि 24 फीसदी यूनिट्स अफॉर्डेबल सेगमेंट के थे।
विकासकर्ता को 90 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। पहले चरण में अनुमानित लागत 1510 करोड़ रुपये है। हालांकि एक हजार एकड़ में विकसित होने पर फिल्म सिटी की कुल लागत दस हजार करोड़ होगी। यमुना प्राधिकरण विकासकर्ता को फिल्म सिटी के लिए 230 एकड़ जमीन 90 साल के लाइसेंस पर देगा।
फिलहाल नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद अलग-अलग नीतियों के तहत सुविधा मिलती है जिसमें किसानों के बीच असमानता देखने को मिलती है।
मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना अथॉरिटी के इस स्कीम में 120 मीटर, 162 मीटर, 200 मीटर और 300 मीटर के प्लॉट हैं।
इस जगह के आसपास आने वाले समय में पॉड टैक्सी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, जेवर एयरपोर्ट, फार्मूला वन/ मोटोजीपी रेस ट्रेक जैसी सुविधा रहेगी।
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में प्राधिकरण की तरफ से भेजे गए समान मुआवजा संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने ट्राम और सिटी बस अपने आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में चलाने की योजना को लेकर कई शहरों का अध्ययन शुरू कर दिया है।
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण की मंशा है कि छोटे उद्यमी भी अपनी ईकाई लगाएं।
अथॉरिटी ने डेवलपर्स के 209 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को जब्त कर लिया है। जिन्हें कुल मिलाकर 15.25 लाख वर्गमीटर से अधिक भूमि आवंटित की गई थी।
यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्लॉट की स्कीम में आवेदन करने वालों की किस्मत का फैसला लॉटरी से होगा।
आईआरएफ के मुताबिक, ऐसा होने पर इन राजमार्ग खंडों पर होने वाले हादसों में कमी आने के साथ ही उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा भी करीब शून्य तक लाया जा सकेगा।
ग्रीनफील्ड परियोजना के पहले चरण का काम चल रहा है और इसे पूरा करने में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
एक्सप्रेस-वे के तीनों टोल प्लाजा, जेवर, मथुरा व आगरा में फास्टैग के लिए जरूरी तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। देश के इस पहले एक्सप्रेसवे पर 15 जून से फास्टैग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। देश के इस पहले एक्सप्रेसवे पर 15 जून से फास्टैग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
आपको जेवर जाने पर लगने वाले टोल से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल जेवर जाने के लिए आपको एक वैकल्पिक रास्ता दिया जा रहा है।
अगर आपके फोन में यह App नहीं होगा, तो आपको यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण इसे 2041 की महा योजना में शामिल करने के लिए एनसीआर योजना बोर्ड को जल्द प्रस्ताव भेजेगा।
दिवाला हो चुकी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी अपनी बोली का अधिक आकर्षक बना सकती है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा कि यह परियोजना मिश्रित इस्तेमाल की होगी जिसमें आवास और दुकानें शामिल होंगी।
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