विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बातचीत असफल होने से भारत जैसे अन्य विकासशील देशों को निराशा हुई है।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की यहां चल रही मंत्री स्तरीय वार्ता टूटने के कगार पर आ गई है क्योंकि अमेरिका ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान के प्रयासों में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
164 सदस्यों वाले WTO का 11वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अर्जेंटीना के शहर ब्यूनस आयर्स में 10 से 13 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाला है
भारत ने निवेश सुगमीकरण से संबंधित मुद्दों को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के दायरे में लाए जाने को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रोज ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार संधि के विचार को लेकर बुनियादी कोई आपत्ति नहीं है।
भारत घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों से आयातित हॉट एंड कोल्ड रोल्ड स्टील उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है।
भारत को उम्मीद है कि 2017 में WTO सेवा क्षेत्र में व्यापार नियमों को सरल बनाने और दोहा दौर की बातचीत को उसके अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में कुछ ठोस पहल करेगा
व्यापार एवं शुल्क के सामान्य समझौते (गैट) के अस्तित्व में आने के बाद से वैश्विक निर्यात में चीन का हिस्सा 2015 तक बढ़कर 14.2 फीसदी हो गया है।
सौर पैनल मामले में भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) की अपीलीय संस्था ने भारत के खिलाफ दिए गए समिति के फैसले को सही ठहराया है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो देश विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकल सकता है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या के मुताबिक FTA के मामले में जहां दूसरे देश आगे बढ़ रहे हैं, वहीं भारत इस मामले में अभी काफी फिसड्डी है।
WTO के साथ भारत का डिजिटल संपर्क लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2015 में WTO की वेबसाइट पर जाने वाले विजिटर्स की संख्या के मामले में भारत तीसरे नंबर पर रहा।
भारत अगले कुछ दिनों में WTO की सौर उर्जा समिति के उस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। समिति ने कंपनियों के साथ भेद-भाव का आरोप लगाया था।
भारत, अमेरिका के खिलाफ 16 मामले दायर करेगा। पीयूष गोयल ने कहा, डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करते हुए अमेरिका ने सौर पैनल निर्माताओं को संरक्षण दिया है।
भारत वस्तुओं के निर्यात के मामले में दुनिया के शीर्ष 30 निर्यातक देशों में 19वें पायदान पर बना हुआ है। डब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
भारत के खिलाफ फैसला देते हुए डब्ल्यूटीओ ने कहा कि सोलर फर्मों के साथ सरकार के बिजली खरीद समझौते अंतरराष्ट्रीय नियमों से असंगत रहे।
भारत ने डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय वार्ताओं में अपना रूख कड़ा करते हुए एग्रीकल्चर ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई है। ग्रेन भंडारण खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
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