सोने की ग्लोबल डिमांड 2016 की दूसरी तिमाही में 15 फीसदी बढ़कर 1,050 टन रही। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह बढ़ोतरी निवेश की मांग के कारण दर्ज की गई।
ईटीएफ में जोरदार निवेश और अनिश्चित वित्तीय स्थिति के मद्देनजर सोने की मांग इस साल पहली तिमाही के दौरान 21 फीसदी बढ़कर 1,290 टन हो गई।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक 2016 के शुरूआती तीन महीने में सोने की कीमतों में 17 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। जो कि बीते 30 वर्षों की सबसे बड़ी तिमाही तेजी है।
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल सोने की डिमांड 848.9 रही, जबकि 2014 में यह 828.5 टन रही थी। हालांकि, लोगों का ज्वैलरी के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही की शुरुआत में सोने की कीमतों में नरमी आने से इसकी मांग बढ़ी है। तीन माह में भारत में कुल 268.1 टन Gold बिका है।
बीते तीन वर्षों से लगातार नकारात्मक निवेश सिद्द होने के बाद निवेश के लिहाज से Gold अब निवेशकों को नहीं भा रहा है।
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