कई देश उन कर्जों से जूझ रहे हैं जो उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर लिए थे। आईएमएफ के मुताबिक, इस साल दुनिया भर में सरकारी कर्ज 1,00,000 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच जाएगा।
सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से अगस्त में जारी किए गए डेटा के मुताबिक, भारत में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अप्रैल-जून में बढ़कर 50.1 प्रतिशत हो गई है, जोकि अप्रैल-जून 2023 में 48.8 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में रोजगार में इजाफा हो रहा है।
यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
रिपोर्ट में अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी वृद्धि की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें ग्लोबल ग्रोथ रेट में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, ग्लेबाल इकोनॉमिक कंडीशन की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र की नरमी शामिल हैं।
डब्ल्यूईएफ के अनुसार, 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस वर्ष दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।
विश्व बैंक के नव-नियुक्त अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा, गरीबी को कम करने और अमीर बढ़ाने का एकमात्र तरीका रोजगार है। वृद्धि दर धीमी होने का मतलब है कि रोजगार सृजन भी मुश्किल होगा।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा कि दुनिया की मंदी से भारत अछूता रहेगा।
रिजर्व बैंक ने कहा कि एक बात जो उभरकर आ रही है, वह यह है कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बदल जाएगी और एक नया सामान्य जीवन सामने आएगा।
हमें अपने पुरानी परपंरा को तोड़ते हुए नई सोच, नए विचारों, बेहतर कल्पना और अधिक खुलेपन की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
OECD के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में 2021 में वृद्धि दर 2.0 प्रतिशत रह सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी की चपेट में है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विश्व व्यापार में और भी गिरावट की आशंका व्यक्त की है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। वाणिज्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मौके का फायदा उठाकर भारत इन देशों को रसायन और ग्रेनाइट सहित 350 उत्पादों का निर्यात कर सकता है।
पेरिस में एक सम्मेलन के दौरान लेगार्ड ने संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2017 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 0.4 प्रतिशत घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि छह साल की निराशाजनक वृद्धि के बाद अब विश्व अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है।
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