Budget 2024 में सरकार की ओर से रिन्यूएबल एनर्जी पर कई बड़े ऐलान किए गए हैं, जिसका सीधा फायदा सोरल एनर्जी, विंड एनर्जी जैसे सेक्टर्स को मिलेगा।
स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने के दिशा में तेजी से सफलता मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी बल्कि क्रूड पर निर्भरता भी खत्म होगी। ऐसा होने से भारत का विदेशी मुद्रा बचेगा।
सूत्र के अनुसार अडाणी रिन्यूएबल होल्डिंग फिफ्टीन लिमिटेड ने 450 मेगावाट क्षमता के लिए बोली लगाई थी।
पवन ऊर्जा टरबाइन बनाने वाले सुजलॉन समूह को तमिलनाडु में 50.4 मेगवाट की परियोजना का ठेका मिला है। कंपनी को यह ठेका बेंगलुरू की एट्रिया पावर ने दिया है।
गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) द्वारा आयोजित नीलामी में पवन ऊर्जा की दर अब तक के सबसे निचले स्तर 2.43 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई।
मार्च 2018 तक 21,000 मेगावाट तक सौर एवं पवन ऊर्जा जुटाने की नीलामी की जाएगी। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उल्टी नीलामी की सफलता के बाद यह रूपरेखा पेश की गयी है।
टाटा पॉवर के मुताबिक सितंबर तिमाही के दौरान अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो से 173 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ, पिछले साल सिर्फ 86 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
भारत में पहली पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए आयोजित नीलामी में पवन ऊर्जा की दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई।
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