पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से देशभर में महंगाई बढ़ने लगी है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान थोक महंगाई दर (WPI) 4 महीने के ऊपरी स्तर पर दर्ज की गई है।
देश में इस साल चीनी उत्पादन के सारे रिकॉर्ड टूटने जा रहे हैं, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान कुल चीनी उत्पादन 315-320 लाख टन रह सकता है।
नवंबर में लासलगांव में प्याज का थोक दाम 25 महीने के ऊपरी स्तर 3511 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था लेकिन अब दाम घटकर 2500 रुपए पर आ गया है
देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को प्याज का रिटेल भाव 63 रुपए, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 45 रुपए और गुजरात के अहमदाबाद में 32 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
लेकिन चालू वित्तवर्ष 2017-18 में अप्रैल से अगस्त तक हुए कुल निर्यात को देखें तो इस साल 30 फीसदी अधिक प्याज एक्सपोर्ट हुआ है
प्याज का भाव थोक मार्केट में जहां 2 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गई हैं वहीं रिटेल मार्केट में इसका कीमतें 50 रुपए किलो तक पहुंच गई हैं।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में प्याज का रिटेल भाव 38 रुपए और उत्तर प्रदेश के आगरा में भाव 40 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर जून में घटकर 0.9 प्रतिशत रही। शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था।
मार्च महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। यह फरवरी महीने के मुकाबले 6.55 फीसदी से गिरकर 5.70 फीसदी पर आ गई है।
देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर फरवरी के दौरान बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई। ऐसा खाद्य और ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि की वजह से हुआ है।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को बड़ा झटका लगा है। फरवरी में थोक महंगाई दर (WPI) 6.55 फीसदी पहुंच गई, जो लगभग 39 महीनें का उच्चतम स्तर है।
प्याज की थोक कीमतों पर अंकुश लगाने तथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर दी जा रही रियायतें तीन महीने के लिए बढ़ा दी
रिजर्व बैंक को नीतिगत दरों में आन वाले समय में 0.25 प्रतिशत की और कटौती का मौका मिल सकता है। यह अनुमान एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में जताया गया है।
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