प्याज की आवक बढ़ने और आयात से कीमतों पर नियंत्रण रखने के सरकार के फैसले के बाद बुधवार को प्याज के थोक दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन खुदरा में लोग 100 रुपए प्रति किलो प्याज खरीद रहे थे।
वहीं दूसरी ओर थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई।
गैर-खाद्य सामग्रियों की कीमतें कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई।
बीते 10 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवाड़े में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। दिल्ली में लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे है, जबकि एक पखवाड़े पहले दिल्ली में टमाटर 30-40 रुपए किलो मिल रहा था।
अगस्त 2019 में भारत की थोक महंगाई दर बिना किसी बदलाव के 1.08% पर बरकरार है। सोमवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आंकड़े जारी दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले की समान अविध यानी, अगस्त 2018 में थोक महंगाई दर 4.62 फीसदी थी।
प्याज के प्रमुख उत्पादक प्रदेशों में हुई भारी बारिश के कारण फसल खराब होने की आशंका से प्याज के दाम में तेजी देखी जा रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले 10 दिनों में प्याज के दाम में 10 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो गया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 6.15 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व के माह यानि जून में 6.98 प्रतिशत थी।
मई महीने की तुलना में थोक मुद्रास्फीति दर जून में कम रही। थोक मुद्रास्फीति जून में कमी के साथ 2.02 प्रतिशत पर रही।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल लगातार मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखा और आगे भी सरकार इस पर अंकुश बनाये रखेगी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले पांच वर्ष से लगातार गिरावट आ रही है।
फरवरी महीने में थोक मुद्रास्फीति 2.93 प्रतिशत तथा पिछले साल मार्च महीने में 2.74 प्रतिशत रही थी। मार्च 2019 के दौरान खाद्य पदार्थों और सब्जियों के दाम में तेजी देखने को मिली।
ईंधन, बिजली एवं प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से फरवरी महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 2.93 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर जाकर 3.80 प्रतिशत रही।
उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
आम लोगों पर पड़ रही महंगाई का असर अब आंकड़ों में भी दिखाई देने लगा है। सितंबर में थोक मल्य सूचकांक 5.13% (अनुमानित) पर पहुंच गया।
अगस्त के दौरान देश में थोक महंगाई दर (WPI) 4.53 प्रतिशत दर्ज की गई है, इससे पहले जुलाई के दौरान यह दर 5.09 प्रतिशत थी
रिटेल क्षेत्र की अमेरिकी कम्पनी वालमार्ट ने आज उत्तर प्रदेश में अपना पहला बिजनेस-टू-बिजनेस फुलफिलमेंट सेंटर (एफसी) खोलने का एलान किया।
थाइलैंड की थोक बिक्री कारोबार करने वाली कंपनी सियाम मैक्रो भारत में अपनी शत प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी लॉट्स होलसेल साल्यूशंस के जरिए अपना पहला थोक बिक्री स्टोर दिल्ली में खोलने जा रही है।
देश के थोक महंगाई दर (WPI) में जून महीने में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है। जून में यह चार साल के उच्चतम स्तर 5.77 फीसदी पर रही जबकि मई में यह 4.43 फीसदी थी। अगर हम पिछले वर्ष के समान महीने की बात करें तो यह 0.90 फीसदी थी।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से देशभर में महंगाई बढ़ने लगी है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान थोक महंगाई दर (WPI) 4 महीने के ऊपरी स्तर पर दर्ज की गई है।
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