केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 2024-25 के लिए 310 लाख टन के कुल गेहूं खरीद लक्ष्य का 16 प्रतिशत इनसे खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है।अक्टूबर से केंद्र इन तीन राज्यों के साथ खरीद स्तर बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है।
खाद्य सचिव ने हाल में कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के आंदोलन से खरीद परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आमतौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से मार्च तक की जाती है। हालांकि, इस साल केंद्र ने बाजार में फसल की आवक के हिसाब से राज्यों को गेहूं खरीद की अनुमति दी है।
देश में गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 27.4 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 50 लाख टन अधिक है।
कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था।
धान की खरीद भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसने खरीफ मार्केटिंग सत्र 2019-20 के पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर लिया है।
85,483.25 करोड़ रुपये की एमएसपी के साथ चालू रबी विपणन वर्ष की खरीद से लगभग 49.07 लाख किसानों को लाभ मिला है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018-2019 में गेहूं की खरीद में यह अब तक का सर्वाधिक 52.92 लाख मीट्रिक टन है।
सरकारी एजेंसियों ने चालू सत्र में 3.82 करोड़ टन से अधिक गेहूं की खरीद की है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 64.79 लाख टन गेहूं की खरीद पूरी हो चुकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल गेहू की खरीद का एक नया रिकॉर्ड बनेगा।
उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की गई है, राज्य सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये किया है। इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद में कृषक उत्पादक संगठन भी शामिल हुए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन किसान भाइयों ने समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह आज ही पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करें।
इस साल देश में 1092.4 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है, यानि इस साल पैदा होने वाले कुल गेहूं का लगभग 39 प्रतिशत सरकार खरीदने जा रही है। पिछले साल देशभर में किसानों से 389.93 लाख टन गेहूं की खरीद की थी
मध्य प्रदेश देश के केंद्रीय अन्न भंडार में सबसे अधिक गेहूं देने वाला राज्य बना
पंजाब अभी तक 104.28 लाख टन की खरीद के साथ सबसे आगे
साल के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य के लिए 4.07 करोड़ टन निर्धारित किया गया है
राजस्थान में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की अवधि को बढ़ाकर अब 30 जून कर दिया गया है।
जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में किसानों से छटांक भर गेहूं की भी अधिप्राप्ति (सरकारी खरीद) नहीं हुई है।
पंजाब में इस साल 129.93 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है, जोकि पिछले 20 साल का रिकॉर्ड स्तर है।
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष (2019-20) में देशभर के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 323 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद कर ली है।
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