कारोबारी सरकार से आयात नियमों में ढील देने के लिए कह रहे हैं ताकि वे ऐसे समय में आयात दोबारा से शुरू कर सकें जब रूसी उत्पादन में अधिकता के चलते अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम हैं। भारत में छह साल पहले गेहूं के आयात पर 44% शुल्क लगाया गया था।
Essential Commodities Price: पिछले एक साल के दौरान गेहूं, आटा और चावल समेत रसोई के आवश्यक सामानों की औसत खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और त्योहारी सीजन के आगमन के साथ बढ़ती कीमतें जारी रह सकती है
केंद्र सरकार (Central Government) ने बृहस्पतिवार को गेहूं के आटे के दाम में तेजी पर लगाम लगाने के लिये इसके निर्यात पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया है।
काफी दिनों से चल रही चर्चा से अब पर्दा उठ गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गेहूं आयात (Wheat Import) करने की कोई योजना नहीं है
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक आयात शुल्क को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है
किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था
इस साल गेहूं की पैदावार के सारे रिकॉर्ड टूटे हैं और रिकॉर्ड तोड़ पैदावार से सरकार ने भी गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है जिससे सरकारी गोदाम भरे हुए हैं
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