भारत में खपत कैटेगरी में शादियों का दूसरा स्थान है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि अगर शादी एक कैटेगरी होती, तो वे खाद्य और किराना (681 अरब अमेरिकी डॉलर) के बाद दूसरी सबसे बड़ी खुदरा कैटेगरी होती।
प्रत्येक विवाह का लगभग 20 प्रतिशत खर्च दुल्हा-दुल्हन पर जाता है, जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह का आयोजन में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों के पास जाता है।
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