मनरेगा मजदूरों के लिए नई दरें 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगी। बढ़ाई गई मजदूरी दर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए है। पूरे भारत में औसत मनरेगा मजदूरी बढ़ोतरी 28 रुपये प्रति दिन है।
मजदूरी की नई परिभाषा पिछले साल संसद द्वारा पारित मजदूरी संहिता, 2019 का हिस्सा है। सरकार एक अप्रैल 2021 से तीन अन्य संहिताओं के साथ इसे भी लागू करना चाहती है। नई परिभाषा के अनुसार किसी कर्मचारी के भत्ते, कुल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि हमारी इस बारे में बातचीत चल रही है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। इसपर गतिरोध बना हुआ है।
ज्यादातर क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के वेतन में नियमित रूप से वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कामगारों के एक बड़े वर्ग का मासिक वेतन 10,000 रुपये से भी कम है।
लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय ने खादी सूत की कताई करने वालों का पारिश्रमिक 5.50 रुपए प्रति लच्छा से 36 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 रुपए प्रति लच्छा करने के खादी ग्रामोद्योग आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड ने आज प्लैटिनम प्रीपेड कार्ड पेश किया। इन प्रीपेड कैश कार्ड का देश भर में स्टोर, एटीएम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
यूनीवर्सल मिनिमम वेज जल्द ही हकीकत बनेगा, इसमें वह कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें मासिक 18,000 रुपए से अधिक का वेतन मिलता है।
IT कर्मचारियों के दो समूहों ने इन्फोसिस के शीर्ष कार्यकारियों के वेतन पैकेज में भारी भरकम बढ़ोतरी पर चिंता जताई है।
कुछ राज्यों में MNREGA की दैनिक मजदूरी में मामूली बढोतरी के बीच केंद्र इस योजना के तहत दी जाने वाली मजूदरी के आधार पर फिर से काम करेगी।
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