टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है।
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल की बैलेंस शीट बाजार में उसकी पुरानी प्रतिस्पर्धी कंपनी वोडाफोन आइडिया की तुलना में बेहतर है।
आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि एजीआर पर यदि सरकार कोई राहत नहीं देती है तो उनकी कंपनी दिवालापन प्रक्रिया के विकल्प को चुनेगी।
तीनों कंपनियों ने नए टैरिफ के तहत या तो पुराने प्रीपेड प्लांस को महंगा कर दिया है या उनमें मिलने वाले लाभ में कटौती कर दी है।
जानिए वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के नए टैरिफ प्लान की पूरी जानकारी। टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ में बढ़ोतरी के चलते करीब 100 करोड़ मोबाइल ग्राहक प्रभावित होंगे।
वोडाफोन आइडिया तथा एयरटेल के प्रीपेड उपभोक्ताओं की जेबों पर तीन दिसंबर से अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है।
दिग्गज दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया 3 दिसंबर 2019 से मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाएगी। यानी अब ग्राहकों को वॉयस और डाटा प्रीपेड पैक के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।
मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को 1 दिसंबर से कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा, यानी टैरिफ प्लान महंगा होने जा रहा है।
आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जम्मू और कश्मीर में नेटवर्क शटडान की वजह से भारती एयरटेल को लगभग 25-30 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ है
वोडाफोन आइडिया ने पिछले हफ्ते देश के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही घाटा होने की बात कही थी, जबकि वोडाफोन ने भारत में कंपनी के भविष्य पर आशंका व्यक्त की है।
दूरसंचार उद्योग से संबंधित संस्था सीओएआई ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया के लिए दो साल की मोहलत देने सहित विभिन्न उपायों से कर्ज से दबे इस क्षेत्र को राहत मिलेगी।
सितंबर अंत में शहरी इलाकों में वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या घटकर 65.91 करोड़ रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में इनकी संख्या बढ़कर 51.45 करोड़ हो गई।
अगले कुछ सप्ताह में शुल्क बढ़ाने समेत अन्य कदम इस तरह उठाएंगे कि इसका डेटा के उपभोग या डिजिटलीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े
वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ है।
एयरटेल दिसंबर की शुरुआत से उचित तरीके से अपनी सेवाओं के मूल्य में वृद्धि करेगी।
कंपनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजडस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने से कंपनी पर अचानक सांविधिक देनदारी बन गई है।
देश के कारपोरेट इतिहास में सबसे ऊंचा तिमाही घाटा दिखाने वाली दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड का मानना है कि सरकार यदि दूरसंचार कंपनियों को बकाये के भुगतान मामले में किसी तरह की राहत देती है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ नहीं होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने की इच्छा रखती है।
जियो का कहना है कि नि:शुल्क वॉयस कॉल जैसी किफायती सेवाओं के कारण उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है।
रिलायंस जियो के बाजार में प्रवेश करने के बाद से दूरसंचार कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और उन पर अरबों डॉलर का कर्ज बकाया है।
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