अगर आप Airtel, Jio या Vodafone-Idea में से किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर से ग्राहक है तो आपको अपने प्लान को बदलने का समय आ गया है, जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं और हम आपके लिए विकल्प लेकर आए हैं।
नियामक यह पता लगा रहा है कि प्रायोरिटी प्लान के जरिये कुछ ग्राहकों को नेटवर्क में प्राथमिकता देने से कही बिना प्रीमियम सेवा वाले ग्राहकों की सेवाएं तो प्रभावित नहीं हो रही हैं।
ल्यूपिन के एमडी नीलेश गुप्ता ने कहा कि तिमाही का प्रदर्शन कोविड-19 महामारी और इसके चलते लागू लॉकडाउन से प्रभावित हुआ।
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नियामक ने पूछा है कि क्या उन विशिष्ट प्लानों में अधिक भुगतान वाले ग्राहकों को तरजीह, अन्य ग्राहकों के लिए सेवा में गिरावट की कीमत पर आई है।
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने शेयर बाजार को बताया कि मार्च तिमाही के दौरान उसका शुद्ध नुकसान 11,643.5 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही के दौरान 4,881.9 करोड़ रुपए था
दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया ने इस अवधि के दौरान अपने 34.6 लाख ग्राहक खोए हैं। फरवरी अंत तक भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइर्ब्स की संख्या (लैंडलाइन और मोबाइल दोनों मिलाकर) 118 करोड़ हो गई।
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वोडाफोन समूह ने कहा कि उसने आदित्य बिड़ला समूह के साथ अपने भारतीय संयुक्त उद्यम में 20 करो़ड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 1,530 करोड़ रुपए) का निवेश किया है।
दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया से एजीआर बकाये को लेकर करीब 53 हजार करोड़ रुपए की मांग की है।
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये का आकलन दूरसंचार विभाग के अनुमान से आधा भी नहीं है।
भारती एयरटेल ने दो किस्तों में सरकार को 13,004 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। इसके अलावा 5,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया है
उल्लेखनीय है कि 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर अंतिम सुनवाई होनी है और उससे पहले निक रीड के इस भारत दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने विलंबित स्पेक्ट्रम देनदारी के तहत मंगलवार को 3,043 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
संकटग्रस्त वोडाफोन आइडिया ने इससे पहले दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर पूर्ण एजीआर भुगतान में अपनी अक्षमता के बारे में बताया और कहा कि बिना सरकारी मदद के वह इस उत्तरदायित्व को पूरा करने में समर्थ नहीं है।
दूरसंचार क्षेत्र के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार द्वारा दूरसंचार कंपनियों पर प्रस्तावित एजीआर गणना की 'परीक्षण जांच' को मानक ऑडिट प्रक्रिया बताया है।
वोडाफोन आइडिया ने एजीआर बकाये को लेकर दूरसंचार विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
दूरसंचार विभाग अभी भी दूरसंचार कंपनियों पर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये की अंतिम गणना में लगा हुआ है।
कंपनी ने अभी जितना भुगतान किया है, यह उस पर कुल बकाये के पांच प्रतिशत से भी कम है। दूरसंचार विभाग के अनुसार कंपनी पर करीब 53,000 करोड़ रुपए का सांविधिक बकाया है।
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