वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ है।
एयरटेल दिसंबर की शुरुआत से उचित तरीके से अपनी सेवाओं के मूल्य में वृद्धि करेगी।
कंपनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजडस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सरकार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने से कंपनी पर अचानक सांविधिक देनदारी बन गई है।
देश के कारपोरेट इतिहास में सबसे ऊंचा तिमाही घाटा दिखाने वाली दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड का मानना है कि सरकार यदि दूरसंचार कंपनियों को बकाये के भुगतान मामले में किसी तरह की राहत देती है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ नहीं होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने की इच्छा रखती है।
जियो का कहना है कि नि:शुल्क वॉयस कॉल जैसी किफायती सेवाओं के कारण उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है।
रिलायंस जियो के बाजार में प्रवेश करने के बाद से दूरसंचार कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और उन पर अरबों डॉलर का कर्ज बकाया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा एजीआर पर न्यायालय के फैसले का दूरसंचार उद्योग की वित्तीय स्थिति पर बड़े प्रभाव पड़ेंगे। सितंबर 2019 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने कुल 50,921 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दिखाया है।
टेलीकॉम लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के अलावा जुर्माना और ब्याज के साथ दूरसंचार उद्योग पर 1.4 लाख करोड़ रुपए की देनदारी बन गई है।
वोडाफोन के इस प्लान में एंटरटेनमेंट के एप्स मौजूद हैं। इस प्लान की कीमत 999 रुपए है।
रिलायंस जियो ने बराबरी के अवसर सुनिश्चित करने की अपनी लड़ाई जारी रखते हुए दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र लिखा है।
दूरसंचार सेवाप्रदाता भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल 1 जनवरी की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं, जबकि रिलायंस जियो इसके खिलाफ है।
जियो ने कहा कि वह सीओएआई के इस तर्क से सहमत नहीं है कि सरकार की ओर से तत्काल राहत के अभाव में दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियां डूब जाएंगी।
टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी वोडाफोन ने भारतीय बाजार से बाहर निकलने की खबरों को गुरुवार को निराधार अफवाह करार दिया।
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के मुद्दे की वजह से सितंबर तिमाही के परिणामों की घोषणा 14 नवंबर तक टाल दी है।
भारती एयरटेल पर सर्वाधिक 42,000 करोड़ रुपए की देनदारी बन रही है। जियो को केवल 14 करोड़ रुपए के आसपास देना पड़ सकता है।
रिलायंस जियो ने दूरसंचार विभाग को 1,133 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया ने 2,421 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल ने 977 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
ट्राई ने 1 जनवरी, 2020 से आईयूसी व्यवस्था को बिल एंड कीप में बदलने का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत कोई ऑपरेटर कॉल के ट्रांसमिशन पर शुल्क नहीं लेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि ऑपरेटरों और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) दोनों के फैसलों के आधार पर टैरिफ को किसी भी दिशा में बढ़या जा सकता है।
जियो ने आरोप लगाया है कि इसके जरिये मोबाइल से वायरलाइन वाली कॉल की प्रकृति को मोबाइल से मोबाइल में बदला जाता है, जो कि पुराने ऑपरेटर्स द्वारा 6 पैसा प्रति मिनट इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क की अवैध वसूली के लिए की गई एक धोखाधड़ी है।
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