इस साल जून में कोविड-19 महामारी के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी सहित कई गैर-आव्रजक वीजा श्रेणियों में पेशेवरों के अमेरिका में प्रवेश पर साल के अंत तक रोक लगा दी थी।
कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर सरकार ने फरवरी 2020 से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही को रोकने के लिये कई कदम उठाये थे। सरकार ने अब भारत में प्रवेश करने या यहां से बाहर जाने के इच्छुक विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों की अधिक श्रेणियों के लिये वीजा व यात्रा प्रतिबंधों में क्रमिक छूट देने का निर्णय लिया है।
सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाने के उद्देश्य से भारतीयों को वीजा मुक्त यात्रा, वीजा-ऑन-अराइवल और ई-वीजा सुविधा प्रदान करने वाले देशों की संख्या बढ़ाने के प्रयास कर रही है।
क ने बताया कि जल्द ही उपभोक्ताओं को भौतिक कार्ड के लिए भी आवेदन करने का विकल्प दिया जाएगा। इस कदम से उपभोक्ता अपने चिप-इंसर्टेड कार्ड के जरिये बिना संपर्क के भुगतान कर पाएंगे।
ब्राजली सरकार अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कनाडा के नागरिकों को लघु अवधि की पर्यटन और व्यापार यात्राओं के लिए वीजा की छूट दे रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्रलय की ओर से H-1B वीजा को लेकर बड़ा बयान जारी करते हुए कहा गया है कि वह उन देशों के लिए सालाना H-1B वर्क वीजा की संख्या को कम करने पर विचार नहीं कर रहा है।
अमेरिका में पिछले वर्ष 21,000 से ज्यादा भारतीय अपनी वीजा की अवधि खत्म होने के बाद तक अमेरिका में रुके रहे। आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी।
ब्रिटेन ने अपने यहां के शोध क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए शनिवार को वैज्ञानिकों और स्कॉलर्स के लिए एक नया वीजा लॉन्च किया है। इस नए वीजा के तहत यूरोपीय संघ से बाहर आने वाले शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और स्कॉलर्स को दो साल के लिए ब्रिटेन का वीजा दिया जाएगा। इस नए वीजा का फायदा भारत समेत कई अन्य देश उठा सकते हैं।
ब्रिटेन ने नये वीजा की पेशकश जो भारत सहित अन्य अन्य देशों के वैज्ञानिकों तथा अनुसंधानकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे। ब्रिटेन की आव्रजन मंत्री कारोलाइन नोक्स ने एक बयान में इस नयी वीजा पेशकश की जानकारी दी है। इसका उद्देश्य देश के अनुसंधान क्षेत्र की वृद्धि को बल देना है।
दुबई और अबुधाबी होते हुए दुनिया के विभिन्न स्थानों की यात्रा करने वाले भारतीय यात्रियों को दुबई और अबुधाबी में 48 घंटे तक रुकने के लिए एक भी पैसा खर्च नहीं करना होगा। युनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) कैबिनेट ने यह फैसला किया है।
अमेरिकी नागरिकता व आव्रजन सेवा (USCIS) के प्रवक्ता फिलिप स्मिथ ने कहा कि 21 मई 2018 तक यूएससीआईएस को H-1B ईमेल पते पर 5,000 से अधिक सूचनाएं मिलीं। यूएससीआईएस ने हालांकि यह नहीं बताया है कि यह शिकायतें किस तरह की हैं या किन कंपनियों से जुड़ी हुई हैं।
डोनाल्ड ट्रंप सरकार H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट को समाप्त करने की योजना बना रही है। यानी कि यदि पति के पास H-1B वीजा है, तो पत्नी को भी कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह पत्नी के पास वीजा होने पर पति को वर्क परमिट नहीं मिलेगा।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के H-1B वीजा आवेदनों मेंइस बार आश्चर्यजनक गिरावट आई है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कड़े आव्रजन रुख से विदेशी पेशेवर भी अमेरिकी कंपनी में आने से कतरा रहे हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में भारत की ख्याति दुनिया में बढ़ती जा रही है। वर्ष 2016 में 1,678 पाकिस्तानियों और 296 अमेरिकियों समेत 2 लाख से अधिक विदेशियों ने भारत आकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नास्कॉम का मानना है कि एच-1बी वीजा के लिए अमेरिका के प्रस्तावित विधेयक में काफी कठिन शर्तें हैं।
कतर ने 80 देशों के नागरिकों के लिए वीजा-फ्री एंट्री कार्यक्रम की घोषणा की है। कतर ने यह कदम एयर ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म को बढ़ाने के मकसद से उठाया है।
पिछले 11 साल में 21 लाख से अधिक भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों ने H-1B वीजा के लिए आवेदन किया है। एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
ट्रंप प्रशासन ने फैसला इस आकलन के बाद किया है कि अमेरिकी कंपनियों की जरूरत को सिर्फ अमेरिकी कर्मचारियों से पूरा नहीं किया जा सकता है इसलिए H2B वीजा जरूरी है
विमानन कंपनी विस्तारा मानसून सीजन में कम किराए पर हवाई सफर का मौका लेकर आई है। कंपनी ने आज से रिटर्न ऑफ दि ग्रेट मानसून सेल शुरू की है।
एक अमेरिकी वकील की सलाह है कि अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल करने की आकांक्षा रखने वाले भारतीय परिवारों को EB -5 वीजा पर दाव लगाना चाहिए।
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