ऑटो सेक्टर में मंदी का असर सिर्फ महिंद्रा एंड महिंद्रा पर ही नहीं, अन्य बड़ी कार निर्माता कंपनियों पर भी पड़ा है। कंपनी ने कहा कि वाहनों का पर्याप्त भंडार होने की वजह से प्रबंधन को ऐसा नहीं लगता कि इससे बाजार में उसके वाहनों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा।
देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि त्योहारी मौसम में वाहन उद्योग की स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।
वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री में गिरावट आने से जून तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध मुनाफा 52.56 प्रतिशत गिरकर 894.11 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि हमने उद्योग में इतने लंबे समय तक मंदी नहीं देखी है।
दोपहिया वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री अप्रैल की तुलना में मई में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6.5 लाख इकाइयों पर रही।
चार पहिया वाहन निर्माता कंपनी Hyundai Motor India Limited (HMIL) की मार्च 2018 में कुल बिक्री 8.8 प्रतिशत बढ़कर 60,507 इकाई पर पहुंच गयी है। एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी ने 55,614 वाहन बेचे थे।
GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने से पहले कंपनियों द्वारा दिए गए छूटों और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी मांग के कारण जून माह में वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
स्क्रैपपेज स्कीम (वाहनों को कंडम करने) से वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान कमर्शियल गाड़ियो की बिक्री 2015-16 की तुलना में 65 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
देश में नोटबंदी के बीच दिसंबर 2016 में वाहन-बिक्री 18.66 प्रतिशत घट गई। पिछले 16 साल में वाहनों की बिक्री में यह सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।
डीजल वाहन के पंजीकरण पर रोक और मोटरवाहन बेड़े के प्रस्तावित नवीनीकरण कार्यक्रम से दो साल में नए यात्री वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
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