सब्जी और कुछ अन्य फूड आइटम के दाम बढ़ने से रिटेल महंगाई दर मई महीने में बढ़कर 5.76 फीसदी पहुंच गई। यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर बढ़ी है।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित गैर परंपरागत ऊर्जा संरक्षण कार्यशाला में बताया गया कि फलों और सब्जियों से भी बिजली तैयार की जा सकती है।
मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से 0.85 फीसदी प्रतिशत नीचे रही, जो कि फरवरी में शून्य से 0.91 प्रतिशत कम थी।
फरवरी में थोक महंगाई दर -0.9 फीसदी पर स्थिर रही। यह लगातार 16वां महीना जब थोक महंगाई दर शून्य के नीचे रही है। जनवरी में महंगाई दर शून्य से 0.90% नीचे थी।
जाट आंदोलन की आंच पड़ोसी पंजाब के इंडसट्री पर भी महसूस होने लगी है। व्यापारियों को कच्चे माल की कमी के साथ तैयार माल को भेजने में दिक्कत शुरू हो गई है।
जाट आंदोलन की वजह से दिल्ली में पीने का पानी खत्म होने को है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों और दूध की सप्लाई पर गहरा असर पड़ा और कीमतें बढ़ गई हैं।
थोक महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में थोक महंगाई दर शून्य से 0.90 फीसदी नीचे रही
दिसबंर में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान महंगाई दर -1.99 फीसदी से बढ़कर -0.73 फीसदी रही। इस दौरान चावल, सब्जियों, फल, दूध के दाम बढ़े हैं।
विभिन्न राज्यों में सूखे और बेमौसमी बारिश के चलते 2015 किसानों (खेतीबाड़ी) के लिए कठिन साल रहा। इस दौरान अनेक किसानों ने आत्महत्या तक की।
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में थोक महंगाई बढ़ गई है। दाल, सब्जी, फ्यूल और नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में महंगाई -1.99 फीसदी दर्ज की गई।
टमाटर की आसमान छूती की कीमतों वजह उत्पादन में कमी नहीं है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि टमाटर के उत्पादन में कोई गिरावट नहीं आई है।
प्याज के बाद अब टमाटर की कीमत आसमान छूने लगी हैं। दिल्ली के रिटेल मार्केट में टमाटर 60 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है।
मटर के दाम अपने उच्चतम स्तर 160 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। बदलते मौसम के कारण सप्लाई बाधित होने कई राज्यों में सब्जियों के दाम चढ़ने लगे हैं।
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