पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3. 65 प्रतिशत थी। यह जुलाई में 3. 60 प्रतिशत से अधिक थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अच्छी बारिश हुई है। इसके कारण बांधों में मौजूद जल भंडार में इजाफा देखने को मिला है।
पिछले दिनों घरेलू एलपीजी (LPG gas cylinder prices) की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती कर दी गई। इससे एलपीजी की मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर (-) 12.7 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 4.2 प्रतिशत थी।
इस बार त्योहारी सीजन में सब्जियों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद कम है। रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में आशंका जताई है कि सर्दियों की सप्लाई शुरू होने तक सब्जियों की कीमतें ऊपरी स्तर पर बनी रह सकती हैं।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आगामी महीनों में और नीचे आएगी। 2018 में यह औसतन 2.8 प्रतिशत पर रहेगी। नोमूरा ने यह अनुमान जताया गया है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र के एपीएमसी में नवंबर माह के दौरान सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई।
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