भारत खाद्य तेलों की अपनी 50 प्रतिशत से अधिक घरेलू जरूरत को आयात से पूरा करता है। भारत द्वारा इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात किया जाता है।
भारतीय खाद्य तेल उद्योग ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा अप्रमाणित घोषणाओं से भारत सरकार नाराज है और वह इसका जवाबी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
देश में वनस्पति तेल आयात 46 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। तेल तिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी SEA की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबकि अगस्त में 15.86 लाख टन वनस्पति तेल का आयात हुआ, जो अक्तूबर 2015 के बाद सबसे अधिक मासिक आयात है।
देश में अगले महीने से नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं और उसके बाद दिवाली का त्योहार है, त्योहारी मौकों पर देश में वनस्पति तेल की खपत बढ़ जाती है
खाने के तेल के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गई है, तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट हटाने के बाद अब सरकार ने गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने घरेलू तिलहन उत्पादकों और तेल उत्पादकों के हितों के संरक्षण के लिए क्रूड और रिफाइंड गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
केंद्र सरकार ने देश में वनस्पति तेल आयात को काबू करने के लिए जो उपाय किए थे वह सभी असफल होते नजर आ रहे हैं। तमाम उपायों के बावजूद वनस्पति तेल आयात घटने के बजाय बढ़ रहा है। अप्रैल के दौरान देश में वनस्पति तेल आयात 7 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए वनस्पति तेल आयात कम करने के लिए तेल और तिलहन पर भारी आयात शुल्क लगाया था।
देश में खाने के तेल की जरूरत आयात से पूरी होती है, ऐसे में आयात घटने की वजह से खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका हो गई है
केंद्र सरकार ने किसानों की तिलहन का अच्छा दाम दिलाने के लिए सभी वनस्पति तेल और तिलहन पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की थी लेकिन इसके बावजूद आयात बढ़ा है
अक्टूबर में खत्म हुए ऑयल वर्ष 2016-17 के दौरान देश में 150.77 लाख टन खाने के तेल का आयात हुआ है जो अबतक का सबसे अधिक वार्षिक आयात है
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