महंगे तेल की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी तथा घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति के बेहतर आंकड़ों से रुपया मंगलवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार में 29 पैसे मजबूत होकर 72.60 रुपए प्रति डॉलर पर रहा।
विदेशी पूंजी निकासी से सोमवार को रुपया अंतर बैंकिंग मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 34 पैसे गिरकर 72.79 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।
26 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.444 अरब डॉलर घटकर 392.078 अरब डॉलर रह गया
आयातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की खरीद बढ़ाने और विदेशी निवेशकों के लगातार बाहर निकलने के कारण शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 73.44 पर खुला।
डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को शुरुआती गिरावट से उबरते हुए 29 पैसे मजबूत होकर 73.32 पर पहुंच गया।
सोमवार को शुरूआती कारोबार में रुपया 36 पैसे गिर कर डॉलर के मुकाबले 73.93 पर पहुंच गया।
गुरुवार को भी रुपए ने एक बार फिर अपनी एतिहासिक गहराई नापी। मुद्रा बाजार के खुलते ही रुपए 10 पैसे टूट गया और 74.30 पर पहुंच गया।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को कारोबार के दौरान पहली बार 74 प्रति डॉलर से नीचे चला गया।
रुपया 49 पैसे की जोरदार रिकवरी के साथ 71.70 प्रति डॉलर पर खुला है जो करीब एक हफ्ते में सबसे ऊपरी स्तर है
एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली भारतीय मुद्रा अपनी गिरावट को रोकने में असफल है। 4 सितंबर को भारतीय रुपया 71.75 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ।
सोमवार को डॉलर का भाव बढ़कर 71.22 रुपए तक चला गया जो अबतक का सबसे महंगा भाव और रुपए का डॉलर के सामने सबसे निचला स्तर है
31 अगस्त को रुपए में एक और रिकॉड स्तर को पार किया। अब से कुछ देर पहले भारतीय रुपए की कीमत 71 रुपए से भी नीच पहुंच गई।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 3.32 करोड़ डॉलर घटकर 400.84 अरब डॉलर रह गया, जो 28100.7 अरब रुपए के बराबर है।
शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपये करीब 78 पैसे लुढ़क गया है। फिलहाल डॉलर का भाव घटकर 69.61 रुपए तक आ गया है जो अबतक का सबसे निचला स्तर है।
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है और घरेलू स्तर पर पेट्रोल का दाम 75-80 रुपए प्रति लीटर है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 300 डॉलर तक पहुंचता है तो घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों के भी 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।
रुपए में आई इस कमजोरी की वजह से मौजूदा हालात में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता नजर आ रहा है, इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा
हफ्तेभर में विदेशी मुद्रा भंडार में 3 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2017 से लेकर 26 जनवरी 2018 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 47.83 अरब डॉलर बढ़ा है।
विदेशों में पढ़ाई करने और नए साल की छुट्टियों को विदेश में बिताने के लिए भी पहले के मुकाबले कम कीमत चुकानी पड़ेगी।
भारतीय करेंसी रुपए में कहा जाए तो दिसंबर में बिटकॉइन का भाव करीब 6.50 लाख रुपए बढ़ चुका है,
लेटेस्ट न्यूज़