अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है।
यूएस फेड के इस निर्णय के बाद भारतीय रिजर्व बैंक पर भी ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बन गया है। इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार से एफआईआई की निकासी में भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
Fed Rate Hike: एक बार फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को Fed रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर है। यह भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित करेगी।
यूरोप में यूक्रेन और रूस के बीच लंबे खिंचते युद्ध ने भी कच्चे तेल को स्थाई रूप से 100 डॉलर के पार पहुंचा दिया है। महंगे क्रूड के आयात के कारण इसी सप्ताह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 6 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है।
US Fed: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आज रात तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। लेकिन 0.75 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी के अनुमान को बाजार ने पहले ही आत्मसात कर लिया है।
ब्याज दरों में यह बढ़ोत्तरी अमेरिका में महंगाई को जरूर थाम सकती है, लेकिन इससे भारत में कीमत वृद्धि का नया दौर शुरू हो सकता है।
जब 2020 में कोविड -19 ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया, तब अमेरिकी फेडरल रिजर्व वैश्विक मंदी को रोकने में सबसे आगे रहा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के फैसलों की घोषणा के बाद पॉवेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाकई में अच्छी खबर है, यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा फैसला है।
फेडरल रिजर्व ने पिछले साल के बाद पहली बार ब्याज दर में कटौती की है। पिछले साल उसने तीन बार ब्याज दरों में कटौती की थी।
ट्रंप अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए अक्सर फेडरल रिजर्व पर निशाना साधते हैं।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल बैंक ने दो दिन चली बैठक के बाद ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है।
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
अमेरिका के सेंट्रल बैंक US Federal Reserve ने बुधवार रात को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की की घोषणा की है जिसके बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दबाव देखा जा रहा है और इसका असर आज भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सेंसेक्स और निफ्टी आज कमजोरी के साथ शुरात कर सकते हैं
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। फेडरल रिजर्व की मौजूदा अध्यक्ष जेनेट येलेन के स्थान पर इस सप्ताह जेरोमी पॉवेल मोर्चा संभालेंगे।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि किए जाने के मजबूत संकेत से यहां सोने की कीमत आज 250 रुपए की गिरावट के साथ 30,500 रुपए प्रति दस ग्राम रही।
BSE का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 19 अंक गिरकर 31056 के स्तर पर और NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 10 अंक बढ़कर 9588 के स्तर पर बंद हुआ।
दुनियाभर के शेयर बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी 0.25 फीसदी तक उछल गए है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को लेकर बढ़ती पॉलिटिकल टेंशन से सेंसेक्स 80 अंक गिरकर 31076 पर बंद
अमेरिकी में ब्याज दरें बढ़ने से घरेलू शेयर बाजार पर निगेटिव असर देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) ने इस साल दूसरी बार फिर से ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है।फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25% की बढ़ोतरी की है।
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