अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक 20 सितंबर को शुरू होगी। अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने की आशंका का असर शेयर बाजारों पर देखा गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। शेयर बाजार की जानकारी रखने वाल एक्सपर्ट्स ने यह राय जताई है।
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका से शुक्रवार को यूएस समेत ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है।
अमेरिका में ब्याज दर के बढ़ने पर सस्पेंस बरकरार है। यूएस फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जेनेट येलन ने ब्याज दरों पर अभी स्थिति साफ नहीं की है।
जैनेट येलेन ने कहा कि धीमी घरेलू गतिविधियों और यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का असर होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सामने काफी अनिश्चितता है।
विभिन्न राजनीतिक दलों से संबद्ध 70 से अधिक ब्रिटिश-भारतीय काउंसलरों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने का समर्थन किया है।
घरेलू हाजिर बाजार में ज्वैलर्स की भारी मांग के कारण बीते हफ्ते दिल्ली में सोने की कीमत एक बार फिर 30,000 रुपए के पार पहुंच गई है।
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई, जो कि पांच हफ्ते का ऊपरी स्तर है। चांदी भी 42,000 रुपए के पार पहुंच गई।
मजबूत वैश्विक रूख और घरेलू हाजिर बाजार में ज्वैलर्स की लगातार खरीदारी के कारण दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में लगातार छठे दिन तेजी दर्ज की गई।
शेयर बाजार की दिशा महंगाई दर के आंकड़े, मानसून की चाल और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक सहित प्रमुख वैश्विक घटनाक्रम इस हफ्ते निर्धारित करेंगे।
मौजूदा स्तर पर ज्वैलर्स और ग्राहकों की मांग कमजोर रहने से राष्ट्रीय राजधानी सर्राफा बाजार में आज सोना 185 रुपए गिरकर 29,040 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया।
शेयर बाजार की चाल टाटा मोटर्स और एनटीपीसी जैसी ब्लूचिप कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों और मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगी। ऑटो सेल्स पर भी नजर टिकी है।
चांदी की कीमतों में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही। इंडस्ट्रियल यूनिट्स और कॉइन मेकर्स की कमजोर मांग के कारण चांदी की कीमतों में देखने को मिली।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व की प्रमुख जानेट येलेन ने अमेरिकी की आर्थिक ग्रोथ को लेकर भरोसा जताया और कहा कि केंद्रीय बैंक ब्याज दर में धीरे-धीर बढ़ोतरी करेगा।
दुनिया की तमाम बड़ी एजेंसियां कीमतों में गिरावट भविष्यवाणी कर रहे थे, इसी बीच सोना कब 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया किसी को नहीं पता चला।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी नीतिग ब्याज दर अपरिवर्तित रखी है और कहा है कि वह विश्व अर्थव्यवस्था पर बारीक निगह रखे हुए है।
लूम, बूम और डूम रिपोर्ट के लेखक मार्क फैबर ने कहा है कि अमेरिका आर्थिक मंदी के मुहाने पर खड़ा है। वहीं जेनेट ऐलन का कहना है कि स्थिति में सुधार आ रहा है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से निपटने के लिए तैयार है। यह बात मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने आज कही।
एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है।
अमेरिकी सेंट्रेल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। यह बढ़ोत्तरी करीब 10 साल (2006) के बाद पहली बार हुई है।
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