सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में यूरिया का आयात इससे पिछले साल के 91.36 लाख टन से घटकर 75.8 लाख टन रह गया। भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। मांडविया ने कहा कि स्थापित घरेलू उत्पादन क्षमता 2014-15 में 225 लाख टन से बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है।
इफ्को नैनो यूरिया लिक्विड किसानों को सस्ता बैठेगा और यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावी होगा।
इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर यू.एस. अवस्थी ने कहा कि कच्चे माल और विनिर्मित उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में कमी आने के फलस्वरूप हमने अपने डीएपी और सभी कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की कीमत में कटौती करने का फैसला लिया है।
यूरिया उत्पादन वित्त वर्ष 2018-19 में उर्वरक इकाइयों के सुचारू रुप से काम करने पर 1.6 प्रतिशत बढ़कर 2.44 करोड़ टन होने की संभावना है।
सरकार ने प्वॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन के जरिये यूरिया बेचने वाले डीलरों का कमीशन बढ़ाकर 354 रुपए प्रति टन कर दिया है, जो वर्तमान कमीशन से करीब दो गुना के बराबर है।
सूत्रों ने बताया कि घरेलू क्षेत्रों से उत्पादित होने वाली अधिकतर प्राकृतिक गैस का दाम एक अप्रैल से बढाकर 3.06 डालर प्रति mbtu (प्रति यूनिट) किया जाएगा जो कि इस समय 2.89 डालर है
चालू वित्त वर्ष में देश का यूरिया उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के 242 लाख टन की तुलना में करीब 240 लाख टन रहने की उम्मीद है
देश में यूरिया का उत्पादन बीते दो साल से लगातार बढा है लेकिन यह लगभग 3.2 करोड़ टन की सालाना मांग से अब भी कम है
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) कार्यक्रम के जरिए सरकार ने पिछले तीन साल में 50,000 करोड़ रुपए की बचत की है।
नगदी संपन्न कोयला, बिजली व तेल क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियां चार उर्वरक कारखानों के पुनरोद्धार के लिए 2020-21 तक लगभग 30,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।
टाटा केमिकल्स ने यूरिया कारोबार नार्वे के यारा समूह की भारतीय इकाई यारा फर्टिलाइजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 2,670 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार ने निजी उर्वरक कंपनियों को सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों की तरह गैर-यूरिया उर्वरकों की खुदरा कीमत जल्द से जल्द घटाने को कहा है।
STC ने 214-217 डॉलर प्रति टन के आधार पर 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया है, ताकि खरीफ सत्र के दौरान उर्वरक की मांग को पूरा किया जा सके।
सरकारी कंपनी ओएनजीसी, एनटीपीसी और कोल इंडिया (सीआईएल) को बंद पड़े एक-एक यूरिया प्लांट को दोबारा शुरू करने को कहा गया। इससे उत्पादन बढ़ेगा और आयात घटेगा।
देश में यूरिया उत्पादन को सस्ता बनाने के लिए सरकार आर्थिक रूप से अव्यवहारिक कोल ब्लॉक का उपयोग करेगी।
सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपए प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी है।
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