केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर सकती हैं। निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाने वाला ये लगातार आठवां बजट होगा। इसके साथ ही ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया जिसमें सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद सोना, चांदी तथा अन्य कीमती धातुओं के साथ-साथ आयातित मोबाइल फोन, कुछ कैंसर की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण भी सस्ते होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि ये बजट किसानों की भलाई के लिए हैं। बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू किए जाने का ऐलान किया गया है। इससे महाराष्ट्र समेत देश के बाकी किसानों को काफी फायदा होने वाला है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कैंसर की दवाइयों को लेकर बड़ा ऐलान किया है और कैंसर के इलाज की तीन दवाओं को मूल सीमा शुल्क से छूट दी है।
बजट 2024 में आदिवासियों के लिए भी वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। 5 करोड़ आदिवासियों और 63 हजार गांवों के लिए ये घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण के दौरान रोजगार को प्रोत्साहन देने का ऐलान किया और प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में तीन योजनाएं लागू करने का ऐलान किया।
जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नई गठबंधन सरकार में जनता का भरोसा जगाने की कोशिश करेगी।
Budget 2024: संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है। पूरे देश की नजर इस बजट में होने वाली घोषणाओं पर थी। आइए जानते हैं इस बजट से जुड़ी हर अपडेट, इस Live Blog में।
रिसाइक्लिंग इंडस्ट्री के रेगुलेटर एआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि एल्युमीनियम कबाड़ (स्क्रैप) की रिसाइक्लिंग प्रक्रिया से प्रति टन उत्पादन पर सिर्फ तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होता है।
पीएम मोदी ने लगभग 20 अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से पांच-पांच मिनट तक बात की। इस बात की काफी उम्मीद की जा रही है कि इनके लिए बजट में कुछ खास घोषणाएं की जा सकती हैं।
सीतारमण ने कहा था कि वह पूर्ण बजट में सभी आय वर्गों की मांगों को सुनेंगी, जिससे पूर्ण बजट में टैक्स राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। उम्मीद की जा रही है कि पूर्ण बजट में सरकार का ध्यान युवा, महिला, किसान और गरीबों पर केंद्रित रह सकता है।
बजट में पूंजी प्राप्तियों में बदलाव हुआ और परिसंपत्ति मुद्रीकरण और विनिवेश को 'विविध' के सिंगल टाइटल के तहत लाया गया, जिससे ₹50,000 करोड़ का योगदान हुआ।
सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों को डर है कि इस प्रावधान के कारण बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को नजरअंदाज कर सकते हैं और या तो उन एमएसएमई (जो उद्यम के साथ पंजीकृत नहीं हैं) या गैर-एमएसएमई से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।
इंडस्ट्री ने देश में घरेलू मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए प्राकृतिक रबड़ (एनआर) के शुल्क मुक्त आयात की भी मांग की है। इसमें कहा गया कि घरेलू स्तर पर निर्मित प्राकृतिक रबड़ की अनुपलब्धता के कारण टायर उद्योग की करीब 40 प्रतिशत प्राकृतिक रबड़ की जरूरत आयात से पूरी होती है।
लेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चलने की है मांग।
उद्योग ने कम से कम आठ सालों की अवधि के लिए 40,000-45,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना की भी मांग की है। फिलहाल भारत में चीन और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उच्च टैरिफ वाली कई टैरिफ लाइनें हैं।
बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए उपभोग मांग कोई समस्या नहीं बनने जा रही है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति की आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक पांच गुना बढ़ जाती है, तो आयकर की दर छह गुना बढ़ जाती है, जो कि काफी अधिक है।
वित्त मंत्रालय की टीम के सहयोगात्मक कोशिशों से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए एक मजबूत और रणनीतिक वित्तीय योजना बनाने में योगदान मिलने की उम्मीद है।
लियाकत अली खान मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। उन्होंने ने ही भारत का पहला बजट पेश किया था।
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