अरहर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य दो जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डाटा के मुताबिक 12 जनवरी को दिल्ली में अरहर दाल की कीमत 118 रुपये प्रति किलो रही। वहीं, 12 जुलाई को दिल्ली में अरहर दाल की कीमत प्रति किलो 100 रुपये थी।
अरहर दाल (Tur Dal) की कीमतों में तेजी के बीच केंद्र ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने पास स्टॉक में रखे अरहर दाल (Pulse) की मात्रा के बारे में जानकारी देने को कहा है।
प्रतिबंधित श्रेणी के तहत आने वाले उत्पादों के लिये एक आयातक को आयात के लिए अनुमति या लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन 40.4 लाख टन होने का आकलन किया गया है जबकि पिछले साल तुअर का उत्पादन 38.3 लाख टन हुआ था।
सितंबर में शुरू की गई एक नई व्यवस्था के तहत थोक के साथ-साथ खुदरा पैकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बफर स्टॉक से राज्यों को दालों की पेशकश की जा रही है।
तुअर उत्पादन उन किसानों से खरीदा जाएगा, जिन्होंने खुद को सरकार के पास पंजीकृत कराया है।
तुअर दाल को PDS में डालने का भी फैसला किया है, इसके तहत गरीबी रेखा के ऊपर वाले राशन कार्ड रखने वाले परिवारों को भी दाल खरीदने का अधिकार होगा
कृषि मंत्रालय ने तुअर दाल के थोकबिक्री मूल्य में भारी गिरावट को रोकने और किसानों के मनोबल को ऊंचा रखने के लिए इसके आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय तुअर दाल पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में है। इससे किसानों को सही कीमत मिल सकेगी।
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