सीडीसी ने वितरण केंद्रों की शीघ्र मंजूरी के लिए सरकार से मदद मांगी है।
एच-1बी वीजाधारकों ने नौकरी छोड़ने के बाद अमेरिका में अपने प्रवास के समय को बढ़ाने के लिए व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक याचिका अभियान शुरू किया है।
अधिकारी ने आगे कहा कि जबतक इस निर्माण में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स संलिप्त नहीं होती है, प्रतिबंधों से छूट आगे भी दी जाती रहेगी।
ट्रंप प्रशासन की अति प्रतिबंधात्मक नीतियों के चलते एच-1बी आवेदनों को खारिज किए जाने की दर 2015 के मुकाबले इस साल बहुत अधिक बढ़ी हैं।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस फैसले के बाद न्यूचिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क करेंगे ताकि चीन की ओर से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोका जा सके। इससे
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका में चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावे पर 5जी वायरलेस नेटवर्क को विकसित करने पर प्रतिबंध लगा रहेगा। लेकिन कंपनी को चिप जैसे छोटे उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जाएगी।
अमेरिका में विदेशी नागरिकों की बारीकी से जांच करने के लिए अपनाई गई नई नीति के तहत यहां प्रवेश के लिए लगभग सभी वीजा आवेदकों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देनी होगी।
अमेरिका की इस सूची में अब चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम शामिल हैं।
जीएसपी अमेरिका का सबसे बड़ी और पुरानी व्यापार तरजीही कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम चुनिंदा लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क से छूट देकर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार यह सुनिश्चित करने की हर कोशिश कर रही है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिलने वाली धन राशि का उपयोग चीन का कर्ज उतारने के लिए ना करे।
ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा के आवेदन संबंधी प्रक्रिया में बड़े बदलाव करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है।
अमेरिका भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिससे उसकी कुछ बड़ी चिंताएं दूर हुई हैं।
इस साल की शुरुआत में अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु संधि से पीछे हट गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।
भारतीय आईटी पेशेवरों में यह काफी लोकप्रिय है
अमेरिका की ओर से शुल्क लगाने का यह दूसरा चरण है। यह शुल्क 23 अगस्त से लागू होगा
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती नज़दीकियों और चीन के साथ अमेरिका के ट्रेडवॉर का असर व्यापारिक संबंधों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है।
अमेरिका ने चीन से आयात होने वाली लगभग 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर पहले जितना आयात शुल्क लगाने के बारे में कहा था, उसमें करीब ढाई गुना की बढ़ोतरी हो सकती है।
ट्रंप प्रशासन भारत-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक बुनियादी ढांचा और ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए अपनी बड़ी नीतिगत पहल सामने लाने वाला है।
अमेरिका ऐसे देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, जो ईरान से अपना तेल आयात कम कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और तुर्की जैसे देशों को छूट नहीं देगा, क्योंकि इससे तेहरान पर लगे प्रतिबंधों पर दबाव कम हो सकता है।
अमेरिकी सीनेट ने आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले के खिलाफ जाते हुए चीन की दूरसंचार कंपनी जेडटीई पर पुन : प्रतिबंध के पक्ष में मतदान किया।
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