राज्यसभा में गुरुवार को कहा गया कि दूरसंचार क्षेत्र से सरकार को मिलने वाले राजस्व में वित्त वर्ष 2019 में सात फीसदी की गिरावट आई है।
ट्राई ने कहा कि मौजूदा एमएनपी सिस्टम को नए एमएनपी प्रक्रिया में बदलने की वजह से 10 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
भारत इस समय वैश्विक स्तर पर वॉलमार्ट की खरीद का पांचवां सबसे बड़ा हब है। चीन, अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा उससे आगे हैं।
मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को 1 दिसंबर से कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा, यानी टैरिफ प्लान महंगा होने जा रहा है।
दूरसंचार नियामक ट्राई की फिलहाल टैरिफ प्लान या न्यूनतम शुल्क तय करने के मामले में हस्तक्षेप करने की उम्मीद नहीं है।
दूरसंचार विभाग ने देश में 2020 में 5जी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य तय किया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को दूरसंचार कंपनियों से स्थायी तौर पर बंद हो चुके मोबाइल नंबरों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
सितंबर अंत में शहरी इलाकों में वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या घटकर 65.91 करोड़ रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में इनकी संख्या बढ़कर 51.45 करोड़ हो गई।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को कॉल जोड़ने के शुल्क के विवादित मुद्दे पर इस माह के अंत तक अपनी राय को अंतिम रूप दे दिये जाने की उम्मीद है।
मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी (एमएनपी) के संशोधित नियम फिलहाल 11 नवंबर से प्रभावी होने नहीं जा रहे हैं।
Trai fixes mobile call ring time at 30 seconds; 60 secs for landline
दूरसंचार सेवाप्रदाता भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल 1 जनवरी की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं, जबकि रिलायंस जियो इसके खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि रेलवे की जमीन पर हम इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
ट्राई ने 1 जनवरी, 2020 से आईयूसी व्यवस्था को बिल एंड कीप में बदलने का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत कोई ऑपरेटर कॉल के ट्रांसमिशन पर शुल्क नहीं लेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि ऑपरेटरों और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) दोनों के फैसलों के आधार पर टैरिफ को किसी भी दिशा में बढ़या जा सकता है।
भारतीय रेल का मूलमंत्र 'संरक्षा, सुरक्षा और समय पालन' है, मगर समय पालन के मामले में इस विभाग की हालत अच्छी नहीं है।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने गुरुवार को कहा कि ग्राहक 4 नवंबर से 10 नवंबर के दौरान मोबाइल नंबर वहीं रखते हुए कंपनी बदलने यानी 'पोर्टेबिलिटी' के लिये आवेदन नहीं दे पाएंगे।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) कॉल आने पर घंटी बजने के समय को लेकर अगले दो सप्ताह में अपनी अंतिम राय तय करेगा।
जियो ने आरोप लगाया है कि इसके जरिये मोबाइल से वायरलाइन वाली कॉल की प्रकृति को मोबाइल से मोबाइल में बदला जाता है, जो कि पुराने ऑपरेटर्स द्वारा 6 पैसा प्रति मिनट इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क की अवैध वसूली के लिए की गई एक धोखाधड़ी है।
अन्य कंपनियां उनके नेटवर्क पर बने रहने के लिए ग्राहकों से 23 रुपए से लेकर 33 रुपए तक का मासिक शुल्क वसूल रही हैं, जबकि जियो अनलिमिटेड प्लान के नाम पर ऐसी वसूली नहीं करती है।
लेटेस्ट न्यूज़