मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो गए है, लेकिन सोने में निगेटिव रिटर्न से इन्वेस्टर्स निराश हुए है। माना जा रहा है कि जुलाई तक सोने का भाव 1100 रुपए गिर सकता है।
मजबूत धारणा के बीच इस साल सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। पांच से चार अपने निर्गम मूल्य से ऊपर कारोबार कर रही हैं।
BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 213 अंक बढ़कर 29788 पर और NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 55 अंक बढ़कर 9236 पर बंद हुआ है।
सेंसेक्स 200 अंक बढ़कर 29780 पर पहुंच गया है। वहीं, NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 अंक बढ़कर 9232 के स्तर पर है।
जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते दुनियाभर के बाजारों के आई गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला। शुक्रवार को सेंसेक्स 221 अंक गिरकर 29707 पर बंद
हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में हुई चौतरफा बिकवाली के चलते घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स 150 और निफ्टी 40 अंक लुढ़क गया है।
देश में इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बावजूद शेयरों में कारोबार की बात आती है तो देश के केवल 22 प्रतिशत निवेशक ही सौदे करने के लिए इंटरनेट की मदद लेते हैं।
CPSE एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की तीसरी किस्त आज शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई। इसका रख-रखाव की जिम्मेदारी रिलांयस म्यूचुअल फंड के पास है।
भारत में सोने की मांग साल 2017 में भी कमजोर रहेगी। 2016 में सोने की मांग घटकर पिछले कई सालों के निम्नतम स्तर पर आ गई है।
शेयर बाजार के सुस्त कारोबार के बीच पावर ग्रिड, एमएंडएम, एचयूएल, सिप्ला और रिलायंस कॉम्यूनिकेशंस जैसे शेयर्स से अच्छे रिटर्न मिल सकते है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग की मंजूरी के साथ ही इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कंपनियां एक-दूसरे से अपनी जरूरत के मुताबिक स्पेक्ट्रम की खरीद-बिक्री कर सकेंगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार ला सकेंगी।
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