अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं के ऊपर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 सितंबर से प्रभावी होगा।
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। वाणिज्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मौके का फायदा उठाकर भारत इन देशों को रसायन और ग्रेनाइट सहित 350 उत्पादों का निर्यात कर सकता है।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा हो सकता है।
अमेरिका और चीन के वार्ताकारों के बीच व्यापार मुद्दों को लेकर दो दिन चली बातचीत बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई।
अमेरिका द्वारा बुधवार को 16 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर लगाए गए शुल्क का जवाब चीन ने उसी भाषा में दिया है। चीन ने भी करीब 16 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर आज जवाबी शुल्क लगा दिया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि वश्विक व्यापार चुनौतियों के दौर में है और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर की तल्खी और भी सुर्ख होती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 34 अरब डॉलर के चीनी आयात पर टैरिफ लगा दिया है।
अमेरिका ने 1300 चीनी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है और इससे अमेरिका को लगभग 50 अरब डॉलर का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है
ट्रेड वार: चीन के सीमा शुल्क आयोग आयोग ने सूअर के मांस सहित अमेरिका से आने वाले 8 उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है
चीन सोयाबीन, कपास और चावल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है जबकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, ऐसे में चीन का बाजार भारत के लिए खुल सकता है
अमेरिका द्वारा उठाये जा रहे कदमों से सीधे भारत पर कोई असर नहीं होगा लेकिन इसका कुल मिलाकर कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है
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