कृषि मंत्रालय के मुताबिक बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 30.68 करोड़ टन अनुमानित है जो पिछले साल के मुकाबले 2.05 प्रतिशत अधिक है
देश में पिछले 5 दिन से ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल की वजह से टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि आलू, प्याज और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
केंद्र सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को खत्म करने की घोषणा की है।
नवंबर के दौरान सिर्फ 9,59,262 क्विंटल टमाटर की आवक देखने को मिली है जबकि पिछले साल नवंबर में यह आवक 19,83,164 क्विंटल दर्ज की गई थी
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
मंगलवार को हरियाणा के पंचकुला में टमाटर का भाव 70 रुपए, हिमाचल के शिमला में 76 रुपए और पश्चिम बंगाल के मालदा में 70 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
पाकिस्तान के कुछ भागों में टमाटर की कीमत 300 रुपये किलो होने के बावजूद वह भारत से टमाटर का आयात नहीं करेगा
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो इस साल प्याज और टमाटर की फसल कम नहीं बल्कि पिछले साल से ज्यादा है।
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
दक्षिणी और अन्य उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बढ़ने से टमाटर के दाम अगले 15 दिन में नीचे आ जाएंगे। आईसीएआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह राय व्यक्त की है।
प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा कि शहरी इलाकों में टमाटर, प्याज और दूसरी सब्जियों की कीमत बढ़ने की समस्या हर साल आती है, ऐसे में समस्या का स्थाई समाधान जरूरी है
दिल्ली में पहले ही टमाटर 100 रुपए किलो बिक रहा है और अब इस हफ्ते दिल्ली की आजादपुर मंडी के टमाटर व्यापारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है
बुधवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में टमाटर की कीमतों ने नया इतिहास लिखा है, जगदलपुर में टमाटर 130 रुपए प्रति किलो पर बिका है
कुछएक शहरों में जुलाई के दौरान आलू की कीमतों में करीब 25 फीसदी तक का उछाल आ चुका है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े यह बयान कर रह हैं
देश के कई हिस्सों में टमाटर की बिक्री 100 रुपए किलो पर हो रही है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में फसल के बर्बाद होने के कारण देश के अधिकांश खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 60 से 75 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।
होली से पहले सरसों तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। माना जा रहा है कि मार्च महीने में सरसों तेल की कीमतें 10 रुपए तक गिर सकती है।
इस साल प्याज की अधिक कीमतों की वजह से आपकी आंखों से आसूं ज्यादा निकलेंगे। सरकार ने चालू वर्ष में प्याज उत्पादन 5.8 प्रतिशत घटने का अनुमान व्यक्त किया है।
लेटेस्ट न्यूज़