देश में सालाना लगभग एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत लगभग एक करोड़ 15 लाख टन है।
थोक व्यापारियों और सब्जी विक्रेताओं का कहना है उत्पादक राज्यों में बारिश से फसल खराब होने से टमाटर की आवक घटी है, जिसके कारण कीमतों में यह तेजी आई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्रायल के सचिव मुहम्मद हाशिम पोपालजई ने कहा कि हम ईरान से टमाटर को आयात करने की मंजूरी देने पर विचार कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर का दाम अब भी 60 से 70 रुपए किलोग्राम की ऊंचाई पर बने हुए हैं।
मदर डेयरी उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने सफल बिक्री केन्द्रों के माध्यम से 55 रुपए प्रति किलोग्राम या उससे भी कम कीमत पर टमाटर बेचेगी।
प्याज, टमाटर के बाद अब लहसुन के बढ़ते दामों ने भी भोजन का जायका बिगाड़ दिया है। प्याज और टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का लगा है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद टमाटर के बढ़ते दाम कम नहीं हो पा रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को फिर टमाटर के दाम में वृद्धि दर्ज की गई।
उपभोक्ताओं को टमाटर की ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की मदर डेयरी को शुक्रवार यानी आज से राष्ट्रीय राजधानी में अपनी सफल ब्रांड 400 दुकानों के जरिए टमाटर की प्यूरी बेचने का निर्देश दिया है।
नवरात्र के बाद फिर से प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का खुदरा मूल्य उछलकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।
बीते 10 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवाड़े में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। दिल्ली में लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे है, जबकि एक पखवाड़े पहले दिल्ली में टमाटर 30-40 रुपए किलो मिल रहा था।
पंजाब और हरियाणा के साथ इनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में प्याज 50 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रही है।
प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में बारिश की वजह से आपूर्ति में बाधा आई है और इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की खुदरा कीमत 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है।
देश में पिछले 5 दिन से ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल की वजह से टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि आलू, प्याज और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
नवंबर के दौरान सिर्फ 9,59,262 क्विंटल टमाटर की आवक देखने को मिली है जबकि पिछले साल नवंबर में यह आवक 19,83,164 क्विंटल दर्ज की गई थी
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
मंगलवार को हरियाणा के पंचकुला में टमाटर का भाव 70 रुपए, हिमाचल के शिमला में 76 रुपए और पश्चिम बंगाल के मालदा में 70 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
पाकिस्तान के कुछ भागों में टमाटर की कीमत 300 रुपये किलो होने के बावजूद वह भारत से टमाटर का आयात नहीं करेगा
दक्षिणी और अन्य उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बढ़ने से टमाटर के दाम अगले 15 दिन में नीचे आ जाएंगे। आईसीएआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह राय व्यक्त की है।
दिल्ली में पहले ही टमाटर 100 रुपए किलो बिक रहा है और अब इस हफ्ते दिल्ली की आजादपुर मंडी के टमाटर व्यापारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है
लेटेस्ट न्यूज़