महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात से मौसमी आपूर्ति के कारण कीमतों में कमी आई है, जिससे देश भर में आपूर्ति की कमी पूरी हो गई है। मौसम की अनुकूल स्थिति ने पैदावार और खेतों से उपभोक्ताओं तक आपूर्ति श्रृंखला के सुचारू संचालन, दोनों को समर्थन दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेज थाली में 11 प्रतिशत भारांश वाली दालों की कीमतों में इस महीने 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसका कारण शुरुआती स्टॉक में कमी, स्टॉक पाइपलाइन में कमी और त्योहारी मांग का होना है।
टमाटर की कीमतों में उछाल इसलिए आया है क्योंकि मॉनसून की वापसी के कारण फसल को नुकसान हुआ और कीटों का संक्रमण होने से प्रमुख दक्षिणी राज्य- कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से आपूर्ति बाधित हुई है।
आरबीआई के रिसर्च पेपर में इस स्थिति में सुधार के लिए एग्रीकल्चरल मार्केटिंग सेक्टर में सुधार का सुझाव दिया गया है। इसमें किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद के लिए प्राइवेट मंडियों की संख्या बढ़ाने की बात शामिल है।
Vegetarian thali price : जुलाई में शाकाहारी थाली 11 फीसदी महंगी हो गई है। टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी से ऐसा हुआ। वहीं, मांसाहारी थाली 6 फीसदी महंगी हो गई।
Tomato prices : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश होने से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है। साथ ही सड़कें टूट जाने से सप्लाई चेन भी बाधित होने की आशंका है।
सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा स्तर पर प्रॉफिट मार्जिन उचित बना रहे और बिचौलियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को रोका जा सके।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब उत्पादक केंद्रों में हाल ही में हुई बारिश के कारण आपूर्ति में व्यवधान के कारण टमाटर की कीमतों में उछाल आया है।
दूसरी हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं। मदर डेयरी में शनिवार को तोरी 59 रुपये प्रति किलो, करेला 49 रुपये प्रति किलो, फ्रेंच बीन्स 89 रुपये प्रति किलो मिल रही है।
Tomato Prices : वर्ष 2012 में विकसित भारत का पहला ट्रिपल रोग प्रतिरोधी टमाटर एफ-1 हाइब्रिड अर्का रक्षक वर्तमान में 7,000 हेक्टेयर में उगाया जाता है। इस हाइब्रिड तकनीक का लाइसेंस 11 कंपनियों को दिया गया है।
इस साल तेज गर्मी और बारिश में देरी के कारण कीमतों में उछाल आया है। भगत ने कहा कि ज्यादातर आपूर्तिकर्ता हिमाचल प्रदेश से टमाटर मंगाते हैं, जहां फसल सूख गई है।
शाकाहारी थाली की कीमत जून में 10 प्रतिशत बढ़कर 29.4 रुपये प्रति थाली हो गई, जो जून 2023 में 26.7 रुपये थी।शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर तथा आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल है।
भीषण गर्मी और कम सप्लाई की वजह से देशभर में टमाटर की कीमतों में इजाफा हो रहा है। देश के टमाटर पैदावार करने वाले कई राज्यों खासकर दक्षिण के राज्यों में टमाटर की उपलब्धता कम देखने को मिल रही है।
वेज थाली की लागत में 13 प्रतिशत का योगदान देने वाले चावल की कीमत में एक साल में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन कम रहने से वेज थाली में नौ प्रतिशत की हिस्सेदारी वाली दाल की कीमत साल-दर-साल 21 प्रतिशत बढ़ गई।
त्योहारी सीजन खत्म होने के साथ ही प्याज और टमाटर की कीमतों में महीने-दर-महीने 14 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। ब्रॉयलर की कीमत में महीने-दर-महीने 5-7 प्रतिशत की गिरावट से नॉन-वेज थाली की कीमत में तेजी से गिरावट आई।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
ईंधन के दाम का शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कुल लागत में क्रमशः 14 प्रतिशत और आठ प्रतिशत योगदान रहता है। इसमें सितंबर में क्रमिक रूप से 18 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये से घटकर 903 रुपये हो गई।
थोक बाजार में जरूर कीमतें गिरकर 3 रुपये प्रति किलो आ गई है लेकिन खुदरा बाजार में अब भी टमाटर 30 रुपये प्रति किलो बिक रही है। यानी 10 गुना अधिक भाव पर टमाटर की बिक्री की जा रही है, लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं दिया जा रहा है।
मंत्रालय ने जुलाई महीने की अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि आगे चलकर घरेलू खपत तथा निवेश की मांग से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
सरकार ने सब्सिडी पर टमाटर 90 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना शुरू किया था, जो पहले 70, फिर 50 रुपये का हो गया था, अब कीमतें और कम हो गई हैं।
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